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गुरु का निभा रहे फर्ज, खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण

मुजफ्फरपुर । शहर के एक छोटे से मैदान में जिले की महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर खेल

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 01:51 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 01:51 AM (IST)
गुरु का निभा रहे फर्ज, खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण
गुरु का निभा रहे फर्ज, खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण

मुजफ्फरपुर । शहर के एक छोटे से मैदान में जिले की महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर खेल गुरु अंतरराष्ट्रीय मुकाम दे रहे हैं। अब तक दो अंतरराष्ट्रीय, तीन दर्जन राष्ट्रीय एवं पांच दर्जन राज्य स्तर के खिलाड़ी इस जिले को दे चुके हैं। उनके प्रशिक्षण की ही देन है कि जिले की एक दर्जन खिलाड़ी रेलवे, सचिवालय एवं पुलिस सेवा में खेल कोटे पर कार्यरत हैं। पिछले डेढ़ दशक में दो सौ से अधिक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुके खेल गुरु ने कभी किसी खिलाड़ी से प्रशिक्षण के मद में एक रुपया नहीं लिया। और तो और उनको मुकाम तक पहुंचाने में भी जो खर्च आया उसका बोझ उन्होंने खिलाड़ियों पर नहीं डाला बल्कि स्वयं चंदा कर राशि की व्यवस्था की। खेल गुरु 45 बसंत देख चुके हैं लेकिन खेल मैदान में खिलाड़ी पैदा करने की उनकी हनक कम नहीं हुई है। आज भी सीमित संसाधनों के बल पर 25 से 30 खिलाड़ियों को निरंतर प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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खेल को समर्पित जीवन :

फुटबॉल कोच असगर हुसैन सामान्य परिवार से आते हैं लेकिन खेल के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। पहले प्रतिभावान बालिकाओं की तलाश करते हैं, उनको फुटबॉल का प्रशिक्षण देते हैं और जिला से अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल कराते हैं। मेंहदी हसन रोड, ब्रह्मापुरा निवासी असगर खेल गुरु तो हैं ही अच्छे खिलाड़ी भी रहे चुके हैं। स्टार इलेवन क्लब से खेल की शुरुआत की। उसके बाद आईजी पुलिस, बिजली बोर्ड, राज ट्रांसपोर्ट जैसे जिले की नामी टीमों के लिए खेल चुके हैं। खिलाड़ी के रूप में अंतर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेल चुके हैं। कोच के साथ-साथ आज वे बिहार के ग्रेड वन फुटबॉल रेफरी भी हैं। बिहार सरकार ने वर्ष 2013-14 में उनको बिहार के सर्वश्रेष्ठ कोच का सम्मान दिया था। युग सृजन संस्था उनको राष्ट्रीय खेल दिवस पर सर्वश्रेष्ठ कोच का महर्षि परशुराम खेल पुरस्कार दे चुकी है।

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अपने दम पर कोमल व प्रेरणा को बनाया अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

खेल गुरु असगर हुसैन ने अपने दम पर कोमल सिंह एवं प्रेरणा प्रवीण को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। कोमल वियतनाम, जार्डन, मलेशिया एवं श्रीलंका तथा प्रेरणा वियतनाम एवं श्रीलंका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला फुटबॉल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। वहीं उनकी शिष्या शिखा शाही, शिल्पी कुमारी, खुशबू कुमारी, नेहा कुमारी, प्रिया कपूर, मधु त्रिपाठी, रानी श्वेता, पल्लवी, उषा कुमारी, बंदना कुमारी, शबाना आलमी, साधना कुमारी, जुली कुमारी, ज्योति कुमारी, कृतिका कुमारी, अनोखा कुमारी, संगीता शाही, सोनी कुमारी, विजेता कुमारी, अंजली कुमारी समेत तीन दर्जन खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। असगर हुसैन की देन है कि शिखा, शिल्पी, खुशबू, नेहा एवं प्रिया कपूर रेलवे, मधु एवं रानी सचिवालय, पल्लवी, उषा एवं बंदना पुलिस विभाग में खेल कोटा पर बहाल है।


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