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शहर की सफाई में सिस्टम 'व्यस्त', गंदगी और दुर्गंध से शहर 'पस्त'

- महीने में शहर के 48 वार्डों की सफाई के लिए सिर्फ डीजल पर खर्च किए जा रहे बीस लाख, फिर भी सड़क पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 06:41 PM (IST)
शहर की सफाई में सिस्टम 'व्यस्त', गंदगी और दुर्गंध से शहर 'पस्त'
शहर की सफाई में सिस्टम 'व्यस्त', गंदगी और दुर्गंध से शहर 'पस्त'

- महीने में शहर के 48 वार्डों की सफाई के लिए सिर्फ डीजल पर खर्च किए जा रहे बीस लाख, फिर भी सड़क पर नजर आती है गंदगी - कचरा उठाव करने में मानकों की हो रही अनदेखी, कचरा उठाने के बाद शहर के प्रमुख स्थानों पर नहीं होता ब्लीचिग का छिड़काव

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दरभंगा। राष्ट्रीय स्तर पर दरभंगा ने अपनी अमिट पहचान बनाई। पहचान ऐसी कि दूर देश से लोग इस शहर में दरभंगा महाराज द्वारा बनवाए गए किले को देखने आते हैं। अपनी शिल्पकला के लिए मशहूर राज परिवार के भवनों को देखने आते हैं। पर, शहर की इस पहचान पर नगर निगम की सफाई-व्यवस्था ने ग्रहण लगा रखा है। शहर के प्रमुख स्थानों पर जमा होनेवाला कचरे का ढेर और उससे निकलती बदबू यात्री मन को परेशान कर देती है। आलम यह कि निगम यह दावा करता है कि सफाई का सिस्टम दुरुस्त है। कर्मचारी समय से सफाई करते हैं। कचरा शहर से दूर सारा मोहनपुर में बने डंपिग प्वाइंट पर फेंका जाता है। इस दावे की जमीनी हकीकत ऐसी है कि शहर के लोग गंदगी व दुर्गंध से पस्त हो चुके हैं। कहते हैं- ऐसा नहीं है कि कुछ नहीं होता है। शहर की गलियों में 'गाड़ी वाला आया, घर से कचरा निकाल' गीत बजाते हुए निगम की गाड़ियां दौड़ती है। कचरा एकत्र होता है। फिर कचरा गली से निकलकर शहर की मुख्य सड़कों पर स्थल बदल-बदल कर जमा किया जाता है। यह प्रक्रिया इतनी घातक है कि पूरे दिन शहर की सड़कों पर कचरा रहता है। ऊपर से सुबह दस बजे के बाद तक वहां से कचरे का उठाव होते रहता है। नतीजा यह कि लोग सुबह से लेकर शाम तक कचरे से होनेवाली परेशानी झेलते हैं। कभी जाम में फंसकर तो पूरे दिन गर्द और कीचड़ का सामना कर। चिकित्सक भी इस स्थिति को बेहद खतरनाक बताते हैं। इन सबके बीच निगम प्रशासन सफाई का दावा ही करता है। सफाई में लगे 56 वाहन महीने में फूंक रहे बीस लाख का डीजल

सफाई-व्यवस्था के लिए निगम के पास विभिन्न तरह के कुल साठ वाहन हैं। उनमें से चार खराब पड़े हैं। 56 शहर की सफाई में लगे हैं। जिन वाहनों को सफाई में लगाया गया है उनमें 50 टीपर (वार्ड का कचरा ढोनेवाले वाहन), सात ट्रैक्टर और तीन जेसीबी शामिल हैं। इनमें से चार टीपर महीनों से खराब पड़े हैं। ये वाहन लगातार काम कर रहे हैं। फिर गंदगी से निजात नहीं मिल रही है।

3.50 लाख की आबादी, 62 हजार होल्डिग और 577 सफाईकर्मी

सफाई व्यवस्था की सबसे मजबूत कड़ी कर्मियों की कमी व्यवस्था को परेशान करती है। शहर की साढ़े तीन लाख की आबादी और 62 हजार होल्डिग वालों को बेहतर सफाई व्यवस्था देने के लिए निगम के पास कुल 577 सफाईकर्मी हैं। जानकार बताते हैं कि 48 वार्डों में बंटी शहर की इस बड़ी आबादी को सफाई की बेहतर व्यवस्था देने के लिए तैनात कर्मियों की संख्या कम होने के कारण यह समस्या पैदा हो रही है।

इन इलाकों में गंदगी के कारण चलना मुश्किल

सफाई की कमजोर व्यवस्था के कारण यहां के प्रमुख इलाकों में दिन-रात गंदगी देखी जाती है। जिन इलाकों में गंदगी के कारण परेशानी है उनमें वीआइपी रोड का किनारा, बेंता चौक, अललपटी, मौलागंज, उर्दू रोड, कादिराबाद, बस स्टैंड, आजमनगर, शिवधारा, कल्पना सिनेमा हाल बाजार व बाजार समिति चौक, डीएमसीएच मार्ग समेत कई प्रमुख इलाके शामिल हैं।

वार्ड नंबर-12 में जमा गंदगी बढ़ा रही मुश्किल कादिराबाद स्थित वार्ड नंबर 12 में तीन दिनों से सफाई और कचरा उठाने का बंद है। इस बात की जानकारी निगम सिटी मैनेजर को नहीं है। पूछने पर कहते हैं जोन प्रभारियों से जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। वार्ड पार्षद भी मानते नहीं होती वक्त पर सफाई शहर के कई वार्ड पार्षद बताते हैं कि कभी कचरा गाड़ी खराब तो कभी मजदूर की बीमारी के बहाने सफाई का काम बाधित हो जाता है। इस कारण से शहर में जगह-जगह कचरा जमा रहता है।

कोट

साफ-सफाई को लेकर सिटी मैनेजर नागमणि सिंह को बिदुवार निर्देश दिए गए हैं। सफाई-व्यवस्था दुरुस्त रखने की दिशा में लगातार काम किए जा रहे हैं। हर हाल में शहर को स्वच्छ रखने की कोशिश जारी रहेगी।

मनेष कुमार मीणा

नगर आयुक्त, नगर निगम, दरभंगा।


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