मजबूरी: औने-पौने दाम में बिक गया आधा गन्ना, अब खोला जाएगा क्रय केंद्र
चीनी मिल मालिकों ने गन्ना खरीद से पल्ला झाड़ा, मांगा खरीद के लिए अनुदान, पांच हजार किसान सस्ते में उपज बेचने को मजबूर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के गन्ना किसान अपनी उपज सस्ते में बेचने को मजबूर हैं। जब आधा से अधिक गन्ने की बिक्री औन-पौने दाम में हो गई, तब गन्ना विभाग ने क्रय केंद्र खोलने का निर्देश जारी किया है। इसके तहत गोपालगंज स्थित सिधवलिया में 11 व रीगा चीनी मिल के लिए तीन क्रय केंद्र खोले जाएंगे। जिले के मोतीपुर, मुरौल, मीनापुर, पारू व साहेबगंज प्रखंड के पांच हजार किसान लगभग 500 हेक्टेयर में गन्ना की पैदावार करते हैं। करीब 30 हजार क्विंटल गन्ना बिक्री के इंतजार में खेतों में पड़ा है। यहां से गन्ना गोपालगंज व सीतामढ़ी की चीनी मिलों में जाता है।
ये फंसा है पेच
केंद्र सरकार से गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार को भी कम से कम इतना ही मूल्य निर्धारण करना है। सरकार से अभी तक यह तय नहीं किया जा सका है। विभाग की माने तो चीनी मिल मालिकों को ये दर मंजूर नहीं है। चीनी मिल प्रबंधन ने गन्ना खरीद से पल्ला झाड़ते हुए सरकार से अनुदान मांगा है। उनका कहना है कि मिलें बहुत घाटे में चल रही। उत्पादन लागत काफी अधिक है। ऐसे में मिलों को चलाने के लिए सरकारी अनुदान चाहिए।
उधर, किसानों का कहना है कि नवंबर तक सरकारी दर तय होने का इंतजार किया। थकहार कर आखिर में गुड़ की पेराई में सौ रुपये क्विंटल गन्ना बेचने को मजबूर हुए। अगर इसे न बेचते तो जलावन के ही काम आता। गन्ना के प्रभारी उप निदेशक (पटना) जयप्रकाश सिंह ने कहा कि इस सप्ताह राज्य सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित हो जाएगा। चीनी मिल के मालिकों से बातचीत चल रही है। कोई न कोई रास्ता निकल आएगा।