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Flood Effect: सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर तंबू लगाकर रह रहे बाढ़ पीडि़त, रोजाना लग रहा जाम

Flood Effect सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे तीन सौ से अधिक परिवार रह रहे हैं। ऐसे में मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी के बीच सफर करने वाले लोगों को घंटों परेशान होना पड़ता है।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 01:36 PM (IST)
Flood Effect: सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर तंबू लगाकर रह रहे बाढ़ पीडि़त, रोजाना लग रहा जाम
Flood Effect: सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर तंबू लगाकर रह रहे बाढ़ पीडि़त, रोजाना लग रहा जाम

मुजफ्फरपुर [नीरज]। सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर वाहनों की रफ्तार ठहरने लगी है। मेडिकल चौराहा दरभंगा मोड़ से लेकर झपहां के पास तक हाईवे पर तकरीबन 300 बाढ़ पीडि़त परिवार रह रहे। इसके चलते यहां रोजाना जाम लग रहा है। ऐसे में मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी के बीच सफर करने वाले लोगों को घंटों परेशान होना पड़ता है। एंबुलेंस, दूध वाहन व बाइक सवार भी जाम के चलते परेशान होते हैं।

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 डेढ़ हजार से अधिक बाढ़ पीडि़त हाईवे के किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं। जहां तक नजर जाती है, उनके आशियाने नजर आते हैं। ऐसा लगता है, कोई गांव बस गया हो। इसके चलते पिछले पांच दिनों से रोजाना जाम लग रहा है। ऐसे में मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी के बीच सफर करने वालों को घंटों परेशान होना पड़ता है। एंबुलेंस चालक सुरेंद्र कुमार, कारोबारी मोहन शर्मा, जीरो माइल निवासी मनोज सिंह ने बताया कि रोजाना चार-पांच घंटे तक जाम लगता है। एंबुलेंस में रोगी फंसे रहते हैं। दूध के वाहन भी समय से नहीं पहुंच रहे हैं।

बाढ़ में बह गए शादी के अरमान

अखाड़ाघाट में बूढ़ी गंडक के किनारे रहने वाली सरिता की शादी नवंबर में होने वाली थी। सामान की खरीदारी के साथ सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। इसी बीच बाढ़ में सबकुछ बह गया। इसके साथ ही बह गए सरिता के शादी के अरमान। वह परिवार के साथ सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे के किनारे तंबू टांगकर रह रही। अखाड़ाघाट के ही नवीन कुमार, देवेंद्र सहनी, राम लोचन साह, अभय प्रसाद, दीपक राम भी यहीं रह रहे। 

नहीं मिली राहत

राम लोचन साह बताते हैं कि घर का सबकुछ नदी की धार में समा गया। गीता देवी बताती हैं कि केवल बाल-बच्चा और मवेशी को बचाने में सफल रहे। अर्जुन साह बताते हैं कि सैलाब में बेटी की शादी के ख्वाब बह गए। गीता देवी और राम प्यारी देवी ने कहा कि पांच दिनों से यहां पनाह लिए हुए हैं। पानी और शौचालय की परेशानी है। अबतक राहत भी नहीं मिल सकी है। देवेंद्र सहनी, रामप्रीत सहनी और अर्जुन साह ने कहा कि अब तक उन्हेंं राहत नहीं मिल सकी है। झपहां के बाढ़ पीडि़त नरेंद्र कुमार, विक्की कुमार, रानी देवी और मोनी देवी ने भी कुछ इसी तरह अपना दर्द बयां किया।

 इस बारे में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह ने कहा कि बाढ़ पीडि़तों की भी अपनी परेशानी है। राहगीरों की भी परेशानी है। मामला संज्ञान में आया है। शीघ्र ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।


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