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SKMCH की नर्सों ने ड्यूटी रोस्टर में पक्षपात का लगाया आरोप, बरती जा रही इस तरह की अनियमितता Muzaffarpur News

SKMCH में कई नर्सों को अक्सर रात्रि पाली में तो कई को नियमित रूप से दिन की ड्यूटी। कई को जीएनएम स्कूल पुस्तकालय छात्रावास ब्लड बैंक टीकाकरण कक्ष मेें स्थायी प्रतिनियुक्ति।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 11:55 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 11:55 AM (IST)
SKMCH की नर्सों ने ड्यूटी रोस्टर में पक्षपात का लगाया आरोप, बरती जा रही इस तरह की अनियमितता  Muzaffarpur News
SKMCH की नर्सों ने ड्यूटी रोस्टर में पक्षपात का लगाया आरोप, बरती जा रही इस तरह की अनियमितता Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर,  जेएनएन। एसकेएमसीएच की नर्सों ने ड्यूटी रोस्टर में पक्षपात का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि किसी को अक्सर सामान्य वार्ड में एवं रात्रि पाली की डयूटी दी जाती है। वहीं कई नर्सों के साथ भेदभाव करते अक्सर उनकी व्यस्त वार्डों में ड्यूटी लगाई जाती है। आरोप है कि कई नर्सों को जीएनएम स्कूल, पुस्तकालय, छात्रावास, ब्लड बैंक, चर्मरोग विभाग के ओपीडी, टीकाकरण कक्ष से लेकर अन्य जगहों पर स्थायी रूप से प्रतिनियुक्ति किया गया है। इनकी कभी रात्रि पाली में डयूटी नहीं लगाई जाती है। वहीं रात्रि पाली की ड्यूटी के लिए अतिरिक्त भुगतान का लाभ भी नहीं मिलता है। मालूम हो कि ड्यूटी रोस्टर को लेकर अक्सर विवाद होता है। पूर्व में पक्षपात रहित रोस्टर की मांग करने वाली नर्सों को कई तरह से तंग करने की बात भी सामने आती रही है।

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आरोप को गलत ठहराया 

प्रभारी मातृका कुमारी कमला का कहना है कि नर्सो का आरोप गलत है। अस्पताल में 46 वरीय नर्स समेत 244 नर्स कार्यरत हैं। इसमें एक वरीय नर्स कुमारी आशा मातृका के रूप में कार्य संभाल रही हैं। वहीं अधिकांश वरीय नर्स को कक्ष का प्रभार सौंपा गया है। यहां लगभग 600 नर्स की जगह इनके द्वारा ही कार्य संपादित किया जाता है। काम के बढ़े दबाव से तरह-तरह का आरोप लगाया जाता है।

कैसे लगती है ड्यूटी 

वरीय नर्स को वर्ष में एक बार रात्रि पाली की ड्यूटी दी जाती है। वहीं जूनियर नर्स को दो माह की सुबह पाली, एक माह की दोपहर पाली एवं एक माह की रात्रि पाली में रोस्टर के तहत ड्यूटी लगाई जाती है। इस बारे में एसकेएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. आइडी सिंह ने कहा कि बेहतर कार्य संपादन के लिए सभी की ड्यूटी रोस्टर के तहत ही लगाई जाती है। कार्य से जी चुराने वाली कर्मी ही आरोप लगाती रहती हैं।


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