पटरी से उतरी शहर की सफाई व्यवस्था, लगा कूड़े का ढेर
डंपिंग स्थल के अभाव में नहीं उठ पा रहा कचरा। प्रतिदिन शहर से निकलता है डेढ़ सौ टन कूड़ा। समस्या को लेकर न तो निगम के जनप्रतिनिधि गंभीर और न ही साहेब।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है। उठाव नहीं होने के कारण जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गया है। माल गोदाम चौक, स्टेशन रोड, रामबाग रोड समेत विभिन्न इलाकों में सड़क किनारे कूड़े का अंबार लग गया है। ग्रामीणों के विरोध के कारण रौतनिया में कचरे का डंपिंग पिछले एक माह से बंद है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नारायणपुर में कचरे को डंप किया जा रहा था। लेकिन वहां जमा हो रहे कचरे में आग लगने से रौतनिया जैसी समस्या उत्पन्न हो गई। ऐसे में शहर से प्रतिदिन निकलने वाले 150 टन कचरे को ठिकाना लगाना निगम के लिए चुनौती बन गई है।
बड़ी मुश्किल से शहर से निकलने वाले आधे कचरे को यत्र-तत्र फेंका जा रहा है। डंपिंग स्थल की व्यवस्था नहीं होने से समस्या विकराल होती जा रही है लेकिन इसको लेकर न निगम के जनप्रतिनिधि गंभीर हैं और न ही अधिकारी। यदि समय रहते निगम डंपिंग स्थल की व्यवस्था नहीं कर पाया तो शहर कचरे के ढेर में तब्दील हो जाएगा।
निगम के बहलखाना प्रभारी का कहना है कि डंपिंग स्थल के अभाव में कूड़े का उठाव प्रभावित हुआ है। रात में अभियान चलाकर जमा कचरे का निष्पादन किया जाएगा। महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद बोर्ड एवं सशक्त स्थायी समिति की बैठक में इसपर विचार किया जाएगा। स्थायी समाधान की व्यवस्था की जाएगी।
नियमित कचरा नहीं उठाने से बढ़ गई परेशानी शहर के विभिन्नी भागों में पड़े कचरा का उठाव नहीं करने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। शहर के मुख्य मार्गो पर कचरा पड़ा रहता है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोग नाक पर रूमाल रखकर वहां से गुजरने को विवश होते है। इसके अलावा कचरा के कारण लोगों के स्वागस्य्ोग के बिगड़ने की संभावना भी बढ़ गई है। इसकी चिंता लोगों को सता रही है। अगर समय रहते इसपर गंभीरता के साथ ध्याान नहीं दिया गया तो लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
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