शराब कांड के आरोपित को खोजने गई पुलिस पर घर में घुसकर महिलाओं को पीटने का आरोप
सकरा थानेदार सरोज कुमार ने कहा कि महिला पुलिस भी छापेमारी में गई थी। मारपीट का आरोप बेबुनियाद है। शराब मामले में एक आरोपित की तलाश में पुलिस व विशेष टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। शराब कांड में एक आरोपित की गिरफ्तारी हुई थी।
सकरा (मुजफ्फरपुर), संस। थाने की पुलिस पर घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। पीडि़ताओं ने वरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कही है। पीडि़ता रेखा देवी के हाथ पर डंडा से मारने का निशान भी है। उन्होंने मीडिया के सामने आकर इस घटना के संबंध में जानकारी दी। पीडि़ता ने बताया कि वे लोग सकरा थाने के रेपुरा गांव की हैैं। अचानक देर रात काफी संख्या में पुलिस वाले घर पर आ धमके। जोर-जोर दरवाजा पीटने लगे। नींद में होने से दरवाजा खोलने में देरी हुई। आरोप लगाया कि जैसे ही दरवाजा खोला सभी गाली-गलौज करने लगे। विरोध पर महिलाओं पर डंडे बरसाने लगे। अगल-बगल के तीन-चार घरों में ताबड़तोड़ तलाशी ली जाने लगी। घर से कीमती सामान, जेवर व कुछ रुपये भी पुलिसवाले ले गए। भूषण ठाकुर ने बताया कि करीब एक घंटे तक पुलिस वहां रुकी। इसके बाद चली गई। घटना को लेकर गांव में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। वे लोग इसकी शिकायत करेंगे। बेवजह पुलिस उन लोगों को परेशान करती है। तलाशी के दौरान वहां से कुछ बरामद भी नहीं हुआ।
सकरा थानेदार सरोज कुमार ने कहा कि महिला पुलिस भी छापेमारी में गई थी। मारपीट का आरोप बेबुनियाद है। शराब मामले में एक आरोपित की तलाश में पुलिस व विशेष टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। शराब कांड में एक आरोपित की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस पूछताछ में उसकी निशानदेही पर दूसरे आरोपित की तलाश ने पुलिस ने कार्रवाई की थी। पुलिस के कार्य में कुछ महिलाएं बाधा ड़ाल रही थीं। इस पर महिला सिपाहियों ने उनको चेतावनी दी थी। मारपीट या बल प्रयोग नहीं किया गया है।
केंद्र पर छात्रा बेहोश, एंबुलेंस के लिए कई बार फोन पर रिस्पांस नहीं
मुजफ्फरपुर : मैट्रिक परीक्षा के दौरान मुखर्जी सेमिनरी केंद्र पर दोनों पालियों में एक-एक छात्रा बेहोश हो गई। प्रथम पाली में जो छात्रा बेहोश हुई तो उसे नींबू पानी आदि देकर विद्यालय में ही सही कर दिया गया। द्वितीय पाली में बेहोश हुई छात्रा को इलाज के लिए एंबुलेंस से सदर अस्पताल में भेजना पड़ा। एंबुलेस के लिए केंद्राधीक्षक द्वारा सिविल सर्जन को कई बार फोन लगाया गया, लेकिन उनके द्वारा काल रिसीव नहीं किया गया। इस कारण छात्रा को अस्पताल भेजने में काफी देरी हुई। बताया गया कि बार-बार फोन करने के बाद भी रिस्पांस नहीं मिलने पर जिला कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी गई। वहां से मैसेज जारी होने के बाद एंबुलेंस केंद्र पर पहुंची। सिविल सर्जन कार्यालय के इस रवैये से शिक्षा अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की। स्वजनों में भारी आक्रोश देखा गया।