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पश्चिम चंपारण के गौनाहा में लोगों ने शासन और प्रशासन को दिखाया आईना, जन सहयोग से बना चचरी पुल

West Champaran News चुनाव के बाद से गायचाहा नदी पर पुल बनने का धूमली परसा के ग्रमीण कर रहे थे इंतज़ार। चचरी का पुल बना आवागमन का सहारा। ग्रामीणों ने खुद श्रमदान से किया चचरी पुल का निर्माण।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 10:03 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 10:03 AM (IST)
पश्चिम चंपारण के गौनाहा में लोगों ने शासन और प्रशासन को दिखाया आईना, जन सहयोग से बना चचरी पुल
पश्चिम चंपारण के गौनाहा में जन सहयोग से बना चचरी पुल

पश्चिमी चंपारण, विवेक कुमार। गौनाहा प्रखंड के धूमली परसा गांव के ग्रामीणों के द्वारा  गायचाहा नदी  पर चचरी का पुल बनाकर आवागमन चालू किया गया है। एक तरफ सरकार जहां नए-नए पुलिया का निर्माण करा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रखंड के धूमली परसा गांव के ग्रामीण चचरी पुल से ही आवागमन करने को विवश है। उक्त चचरी पुल दर्जनों गांव के लोगों को आने-जाने का एकमात्र साधन बना हुआ है। लेकिन इसे बनाने के लिए ना तो पदाधिकारी सजग है और ना ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई पहल की गई है।आखिरकार श्रमदान से निर्माण की ठानी। महज चार दिनों में धूमली परसा गांव के ग्रामीणों ने गायचाहा नदी पर चचरी पुल का निर्माण कर दिया। आवागमन की दिक्कत दूर हो गई है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन को आईना भी दिखाया है। संदेश  दिया है  कि मजबूत इच्छाशक्ति और एकजुटता से कोई काम मुश्किल नहीं।

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कई बार लगा चुके थे अधिकारियों से गुहार

गौनाहा प्रखंड के इस गांव में 250 परिवार रहते हैं। आबादी तकरीबन 1200 है। सभी थारू जनजाति के हैं। गांव में आने-जाने के लिए लोगों को गायचाहा नदी पार करनी पड़ती है। इस पर बना पुल 2017 की बाढ़ में ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से ग्रामीण पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। इसके लिए सांसद, विधायक एवं अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके थे, मगर कोई फायदा नहीं। फिर क्या, गांव के गुमाश्ता शंभू पटवारी की पहल पर ग्रामीणों ने खुद चचरी पुल बनाने का निर्णय लिया। बेकार पड़े बिजली के पोलों को नदी में गाड़ दिया। उसके ऊपर बांस लगाकर पुल तैयार कर दिया है। निर्माण में तकरीबन 20 हजार रुपये खर्च हुए, जिसे ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से जुटाया। प्रत्येक परिवार के एक सदस्य ने श्रमदान भी किया। गुरुवार को इस पुल से आवाजाही शुरू हो गई।

2017 में बह गया था 20 लाख का पुल

पूर्व मुखिया अग्नि देव गुरो ने बताया कि वर्ष 2011 में विधायक निधि से 20 लाख की लागत से पुल बना था। गुणवत्ता ठीक नहीं होने से 2017 में आई बाढ़ में पुल बह गया था। बरसात के तीन माह प्रखंड व पंचायत के अन्य गांवों से संपर्क भंग रहता था।

 रीना देवी व वार्ड सदस्य गीता देवी कहती हैं कि बीमारी की हालत में काफी दिक्कत होती थी। खाट पर बीमार को लादकर किसी तरह नदी पार करानी पड़ती थी। अब कम से कम साइकिल चचरी पुल से पार हो जाएगी। रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए बाजार जाने में दिक्कत नहीं होगी। गौनाहा के बीडीओ अजय प्रकाश  कहते हैं कि संबंधित विभाग को पत्र लिखकर जल्द पुल निर्माण कराने का अनुरोध किया गया है।

  रामनगर की विधायक भागीरथी देवी ने कहा कि 'वर्ष 2017 की प्रलयंकारी बाढ़ में पुल बह गया था। नए पुल के निर्माण के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। विभागीय अधिकारियों को शीघ्र पुल निर्माण कराने को कहा है।'


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