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ऑनलाइन प्रक्रिया बनी जी का जंजाल ,विद्यार्थी परेशान

मुजफ्फरपुर । स्नातक पार्ट वन में एडमिशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 12:04 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 12:04 PM (IST)
ऑनलाइन प्रक्रिया बनी जी का जंजाल ,विद्यार्थी परेशान
ऑनलाइन प्रक्रिया बनी जी का जंजाल ,विद्यार्थी परेशान

मुजफ्फरपुर । स्नातक पार्ट वन में एडमिशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं होने को लेकर एक तरफ जहां विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। वहीं कॉलेजों में शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों तक नई व्यवस्था जी का जंजाल बन गई है। दरअसल, इसमें नीचे से ऊपर तक हीलाहवाली की शिकायतें सामने आ रही हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अखबारों में इश्तेहार तो दिए, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रक्रिया को लेकर काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ. विजय कुमार ने कहा कि उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है। बोर्ड और कॉलेजों दोनों में से कोई उन्हें जानकारी नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि दो दिन गुजरने के बाद बिहार बोर्ड ने गाइडलाइन भेजी है। कहा है कि वह कॉलेजों को भेज दी जाए। अब इसी से समझा जा सकता है कि अधिकारियों में कितनी तत्परता है। जानकारी के अभाव में विद्यार्थी परेशान

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सुस्ता गांव के अविनाश कुमार ने कहा कि वह आरडीएस कॉलेज में नामांकन लेने को इच्छुक हैं। प्रदीप कुमार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की न तो जानकारी है न उस पोर्टल का ज्ञान जिसपर आवेदन करना है। इसी तरह शेखपुर अखाड़ाघाट के विशाल कुमार को परेशानी हो रही है। एमडीडीएम में नामांकन को इच्छुक जूही कुमारी भी इसकी प्रक्रिया को लेकर असमंजस में हैं। इनके साथ दूसरे विद्यार्थी और उनके अभिभावक भी रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे हैं। कोई सही जानकारी नहीं दे पा रहा है। एमडीडीएम व आरडीएस कॉलेज में विद्यार्थियों का हुजूम हर रोज उमड़ रहा है। आधी-अधूरी तैयारियों का खामियाजा विद्यार्थियों व कॉलेज प्रशासन को भुगतना पड़ रहा है। बीएसईबी के हाथों में सारी व्यवस्था

: इस साल से सेंट्रलाइज एडमिशन की व्यवस्था हुई है और इसकी मॉनीट¨रग बिहार विद्यालय शिक्षा समिति यानी बीएसईबी के हाथों में है। रजिस्ट्रेशन का दौर शुरू होने के बाद भी विद्यार्थियों के साथ कई कॉलेजों के प्राचार्य तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व एडमिशन की प्रक्रिया को लेकर ऊहापोह में हैं। दरअसल, प्राचार्यो को कोई ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है। इससे उन्हें भी तौर-तरीके की जानकारी नहीं है।


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