Flood : जुगाड़ की नाव और बांध पर कट रही बाढ़ पीडि़तों की जिंदगी Muzaffarpur News
500 से अधिक परिवार पिछले एक सप्ताह से पानी में घिरे। जान जोखिम में डाल पानी से घिरे घरों में रह रहे सैकड़ों परिवार। सरकारी मदद की बाट जोह रहे शहरी क्षेत्र के बाढ़ पीडि़त।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बूढ़ी गंडक नदी उफान पर है। नदी की पेटी में बसे पांच सौ से अधिक परिवार पिछले एक सप्ताह से पानी में घिरे हुए हैं। जिनके घर कच्चे और नदी की चपेट में हैं, वे बांध पर शरण ले रहे। कोई खुले में आसमान के नीचे तो कोई प्लास्टिक तानकर रात काटने को विवश है। वहीं, जिन लोगों का मकान पक्का है, लेकिन पानी में डूबा हुआ है, छतों पर शरण ले रहे। पानी में डूबे घर में आने-जाने के लिए जुगाड़ की नाव का सहरा ले रहे। जान जोखिम में डाल न सिर्फ बड़े, बच्चे भी जुगाड़ की नाव का इस्तेमाल आने-जाने में कर रहे। इससे प्रशासन बेखबर है।
अब तक शहरी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है और न ही बांध पर शरण ले रहे प्रभावित परिवारों को किसी प्रकार की मदद दी है। प्रभावित क्षेत्र के पार्षद इससे नाराज हैं। उनका कहना है कि प्रशासन शहरी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित परिवारों की सुध नहीं ले रहा।
शहर के पूर्वी भाग स्थित मिल्लत कॉलोनी, उत्तरी भाग स्थित कर्पूरी ग्राम, मुक्तिधाम बस्ती, दादर, कुंडल, चंदवारा, लकड़ीढाही समेत दर्जनों मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं। पीडि़त परिवारों को पेयजल संकट के साथ-साथ भोजन के संकट का भी सामना करना पर रहा है। अधिकांश चापाकल नदी के पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं, ऐसे में उनको पीने का पानी नहीं मिल पा रहा। वार्ड 12 की पार्षद शाहनाज खातून ने कहा कि बांध पर शरण ले रहे परिवारों को प्रशासनिक मदद की दरकार है। भोजन-पानी की किल्लत हो रही है। लेकिन, अब तक प्रशासन द्वारा राहत शिविर नहीं लगाया गया है।