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बेटियों का भविष्य संवारने को छोड़ दी नौकरी, दे रहे हैं निशुल्क शिक्षा

पश्चिमी चंपारण जिले के थरुहट की बेटियां भी सफलता का झंडा लहराएं। सेना व पुलिस में पुरुषों के कंधा से कंधा मिलाकर काम करें।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 12:14 PM (IST)
बेटियों का भविष्य संवारने को छोड़ दी नौकरी, दे रहे हैं निशुल्क शिक्षा
बेटियों का भविष्य संवारने को छोड़ दी नौकरी, दे रहे हैं निशुल्क शिक्षा

मुजफ्फरपुर। पश्चिमी चंपारण जिले के थरुहट की बेटियां भी सफलता का झंडा लहराएं। सेना व पुलिस में पुरुषों के कंधा से कंधा मिलाकर काम करें। कोई उन्हें कमजोर नहीं कह सके। कुछ इसी सोच के साथ तीन साल पहले हरनाटाड़ के परमेश्वर काजी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआइएसएफ) की नौकरी छोड़ गांव में आ बसे। फिर लड़कियों को कोचिंग देने की शुरुआत की। तीन साल में 13 युवतियां सफल हो चुकी हैं। अब तो युवक भी उनके पास आने लगे हैं। अभी 100 से अधिक युवक-युवतियों को वे पढ़ा रहे हैं। गरीब लड़कियों को निश्शुल्क तो अन्य से मामूली फीस लेते हैं। दिल्ली में लड़कियों को काम करते देख आया विचार : परमेश्वर काजी ने शुरू से ही शिक्षा को काफी महत्व दिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव में ही शिक्षादान में जुटे रहे। इसी बीच वर्ष 2009 में उनकी बहाली सीआइएसएफ में हो गई। पहली पो¨स्टग दिल्ली मेट्रो में हुई। करीब तीन साल तक वहां सेवा देने के बाद उनका स्थानांतरण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, दिल्ली में हो गया। यहां युवतियों को काम करते देख उनके जेहन में आया कि थरुहट की बेटिया भी इनसे कम नहीं हैं। बस सही मार्गदर्शन और उनकी प्रतिभा निखारने की जरूरत है। इसी सोच के साथ वे नौकरी छोड़ गांव लौट आए। वर्ष 2015 में युवतियों को सेना, पुलिस आदि की प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग देनी शुरू की। बाद में कुछ युवक भी आने लगे। जल्द ही उनके मार्गदर्शन में तैयारी करने वाली युवतियों को सफलता मिलने लगी। बिहार पुलिस में 11, सीआइएसएफ और एसएसबी में एक-एक युवतियों का चयन हो चुका है। इसके अलावा एसएसबी, सीआइएसएफ, आर्मी और खुफिया विभाग में एक-एक युवकों का चयन हुआ है। इस तरह अभी तक कुल 17 को सफलता मिली है। अभी परमेश्वर तीन बैच में 120 छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। गरीब से एक रुपये भी फीस नहीं लेते। थरुहट क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत : बिहार पुलिस में सिपाही बगहा प्रखंड के अमहट गाव की माधुरी कुमारी व एसएसबी में कार्यरत बेलहवा गाव की निरूपा कहती हैं, थरुहट क्षेत्र की बेटियों के लिए परमेश्वर प्रेरणास्त्रोत हैं। कटहरवा गाव की राजमति कुमारी सीआइएसएफ में हैं। अभी वे दिल्ली मेट्रो में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि बेटियों की शिक्षा को लेकर अब अभिभावकों में जागरूकता है। यह परमेश्वर के प्रयास का नतीजा है।

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परमेश्वर कहते हैं, मेरा सपना है कि थरुहट का हर युवा देश सेवा करे। खासतौर से लड़कियां किसी से पीछे नहीं रहें। वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ ¨रकू ¨सह कहते हैं, परमेश्वर काजी ने साबित कर दिया है कि यदि एक सफल व्यक्ति युवाओं को सही राह दिखाए तो वे भी सफलता अर्जित कर सकते हैं।


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