Move to Jagran APP

मधुबनी के स्थानीय कलाकार की लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां मन को भा रहीं

बाजार में चीन में तैयार मूर्तियां इस बार नजर नहीं आ रहीं। गलवन की घटना के बाद बदली परिस्थिति में यहां के मूर्ति विक्रेता चीन की मूर्तियों की बिक्री से परहेज कर रहे हैं। अन्य प्रदेशों की मूर्तियां की बजाय स्थानीय स्तर पर तैयार मूर्तियों को लोग पसंद कर रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 02:24 PM (IST)
मधुबनी के स्थानीय कलाकार की लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां मन को भा रहीं
लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के करीब एक करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान। फोटो- जागरण

मधुबनी, जासं। धनतेरस की तिथि नजदीक आने के साथ इसकी तैयारी शुरू हो गई है। दीपावली के दिन पूजा के लिए भगवान लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति धनतेरस के दिन खरीदारी की मान्यता रही है। धरतेरस और दीपावली में माता लक्ष्मी भगवान गणेश की मूर्तियों की बडे पैमाने पर बिक्री होती है। बाजार में स्थानीय मूर्तिकारों द्वारा तैयार मूर्तियों के अलावा कोलकाता में निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां देखी जा रही हैं। हालांकि, बाजार में चीन में तैयार मूर्तियां इस बार नजर नहीं आ रही। बता दें कि गलवन की घटना के बाद बदली परिस्थिति में यहां के मूर्ति विक्रेता चीन की मूर्तियों की बिक्री से परहेज कर रहे हैं। अन्य प्रदेशों की मूर्तियां की बजाय स्थानीय स्तर पर तैयार मूर्तियों को लोग पसंद कर रहे हैं। दुकानदारों ने भी ऐसी मूर्तियों की बिक्री को तरजीह दे रहे हैं।

loksabha election banner

सोने-चांदी से बने गणेश-लक्ष्मी की मांग

अनेकों लोग सोने-चांदी से बने गणेश-लक्ष्मी की खरीदारी करते हैं। धनतेरस को लेकर बाजार की रौनक बढ़ गई है। धनतेरस व दीपावली पर जिले में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का करीब एक करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान हैं।मूर्तिकला में राज्य पुरस्कार प्राप्त मंगरौनी के मूर्तिकार रामकुमार पंडित ने बताया कि स्थानीय स्तर पर तैयार लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग बढी है। इससे मूर्तिकारों की आमदनी में इजाफा होगा। बाजार में स्थानीय मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां 40 से 50 रुपये में मिल रहे हैं। वहीं, बाहर से मंगाई गई प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्तियां 60 से 500 रुपये तक में मिल रहे हैं। पंडित शंभूनाथ झा ने बताया कि दीपावली के दिन मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति का पूजन करने से धन-धान्य व सुख-समृद्धि आती है।

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और दीया के लिए काली मिट्टी की जरूरत

शहर के एक मूर्तिकार सोनी देवी ने बताया कि दीया और भगवान गणेश, लक्ष्मी की मूर्ति निर्माण के लिए काला मिट्टी की जरूरत होती है। जिसकी पहचान मूर्तिकारों को होती है। एक दशक पूर्व तक शहर व इससे सटे गांव के मूर्तिकार स्थानीय जीवछ नदी किनारे खुदाई कर काला मिट्टी निकालते थे। धीरे-धीरे नदियों के किनारे मिट्टी काटने पर रोक के बाद से मूर्तिकारों ने मिट्टी की खरीदारी शुरू कर दी। पिछले वर्ष 1500 रुपये ट्रैक्टर मिट्टी की खरीदारी की गई थी। इस वर्ष इसकी कीमत दो हजार पर पहुंच गई है। क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी की कटाई स्थल से काला मिट्टी की पहचान कर उसकी खरीदारी की जाती है। इस मिट्टी में खेत में पाए जाने वाला सफेद बालू मिलाया जाता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.