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दारोगा खुदकशी मामले में मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी को दिया आखिरी मौका Muzaffarpur News

2017 में कांटी पानापुर ओपी में तैनात दारोगा ने साथी के सर्विस रिवाल्वर से खुद को मार ली थी गोली। मामले में दारोगा की पत्नी ने मानवाधिकार आयोग में आवेदन देकर लगाई थी गुहार।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 07:55 AM (IST)
दारोगा खुदकशी मामले में मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी को दिया आखिरी मौका Muzaffarpur News
दारोगा खुदकशी मामले में मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी को दिया आखिरी मौका Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर [संजीव कुमार] । दिवंगत दारोगा संजय कुमार गौड़ की पत्नी अपने पति की मौत के बाद इंसाफ के लिए भटक रही है। पुलिस विभाग से न्याय नहीं मिलने के बाद उनकी पत्नी कल्याणी ने मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई। जिसमें पीडि़ता की तरफ से पति की मौत को लेकर कतिपय आरोप लगाए गए। जिस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए एसएसपी से जांच रिपोर्ट तलब किया। लेकिन, कई स्मार पत्र के बाद भी आयोग को जिले से जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा गया। जिसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए फिर एसएसपी को पत्र जारी किया।

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 पत्र के आलोक में एसएसपी ने पश्चिमी डीएसपी को उच्च प्राथमिकता बताते हुए 20 जनवरी तक वांछित प्रतिवेदन निश्चित रूप से समर्पित करने का निर्देश दिया है। जिसमें बताया गया कि आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए आखिरी मौका दिया है। यदि समय पर जांच प्रतिवेदन नहीं समर्पित नहीं किया जाता है तो एसएसपी को व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश पारित किया जाएगा। 

क्या है मामला

जुलाई 2017 में पानापुर (कांटी) ओपी में तैनात दारोगा संजय कुमार गौड़ ने साथी के सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। साथी दारोगा मो. हारुण के सरकारी रिवाल्वर से उनके कमरे में ही अपने सिर में गोली मारने की बात सामने आई थी। घटना से चंद मिनट पूर्व ही हारुण सरकारी रिवाल्वर अपने कमरे में बिछावन पर रखकर बाथरूम गए थे। इस बीच गोली की आवाज सुनने के बाद वे बाहर निकले। उनके साथ ओपी परिसर में कर्मियों व पड़ोस के लोगों की भीड़ जुटी। फौरन उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उन्हेंं मृत घोषित कर दिया था।

 संजय की पत्नी के बयान से महकमे में आ गया था भूचाल

दिवंगत दारोगा की पत्नी ने बयान देकर पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके पति ने खुदकशी नहीं की, बल्कि उनकी हत्या हुई है। साजिश के तहत उनके ही थाने में उनकी हत्या की गई है। थानाध्यक्ष के पोस्टिंग के लिए एक वरीय अधिकारी द्वारा मोटी रकम की मांग की गई थी। पूरी राशि नहीं देने के बाद एक दिन के लिए गायघाट का थानेदार बनाकर उन्हें हटा दिया गया था। इसके बाद पानापुर ओपी में उन्हें कनीय दारोगा के रूप में तैनात कर दिया गया था। इसी दौरान उनके साथ यह घटना हुई। 


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