राष्ट्रीय लोक अदालत में 1554 मामले का निष्पादन, 7.96 करोड़ समझौता राशि तय
सुनवाई के लिए गठित किए गए थे न्यायिक अधिकारियों के 17 बेंच। कोर्ट में लंबित व बाहर के मामलों का किया गया निष्पादन। कई दंपती केस समाप्त कर खुशी-खुशी लौटे घर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कचहरी परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1554 मामलों का निष्पादन किया गया। इसमें कोर्ट में लंबित 641 व इसके बाहर के 913 मामले शामिल हैं। दोनों तरह के मामले में सात करोड़ 96 लाख 47 हजार 722 रुपये समझौता राशि तय हुआ।
17 बेंचों में मामले की हुई सुनवाई
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज एसके सिंह के नेतृत्व में सुबह दस बजे राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्यवाही शुरू हुई। मामले की सुनवाई के लिए न्यायिक अधिकारियों के 17 बेंच गठित किए गए थे। इस अवसर पर प्राधिकार के सचिव लगातार मॉनीटङ्क्षरग कर रहे थे। कार्यालय के कर्मचारी अमित कुमार, परवेज आलम, फैयाज अहमद, संजीव कुमार, शिवनाथ प्रसाद, दिनेश, राजीव व अजीत भी मौजूद रहे।
इन मामले का हुआ निष्पादन :
कोर्ट में लंबित मामले
सुलहनीय फौजदारी मामले : कोर्ट के समक्ष आए 592
निष्पादित : 452
समझौता राशि : 13 हजार 340 रुपये
एनआइ एक्ट के मामले :
कोर्ट के समक्ष आए : 01
निष्पादित : 01
समझौता राशि - एक लाख 85 हजार रुपये
एमएसीटी मामले :
कोर्ट के समक्ष आए : 71
निष्पादित : 67
समझौता राशि : तीन करोड़, 04 लाख 50 हजार
बिजली बिल के मामले :
कोर्ट के समक्ष आए मामले : 111
निष्पादित : 105
समझौता राशि : 36 लाख, 74 हजार 165
वैवाहिक विवाद के मामले :
कोर्ट के समक्ष आए मामले : 29
निष्पादित : 12
समझौता राशि : पांच लाख
अन्य सिविल मामले :
कोर्ट के समक्ष आए मामले : 04
निष्पादित : 04
समझौता राशि : दस हजार चार सौ
कोर्ट से बाहर के मामले :
बैंक ऋण वसूली के मामले :
कोर्ट के समक्ष आए मामले : 1527
निष्पादित : 831
समझौता राशि : तीन करोड़, 93 लाख 05 हजार 144 रुपये
अन्य मामले सुलहनीय फौजदारी, वैवाहिक व सिविल विवाद
कोर्ट के समक्ष आए : 82
निष्पादित : 82
समझौता राशि : 60 लाख, 09 हजार, 673 रुपये
दहेज ने अलग किया, लोक अदालत ने मिलाया
मोतीपुर व काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के दो दंपती के लिए लोक अदालत ने जिंदगी की नई सफर शुरू की। अलग-अलग रह रहे ये दंपती कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे थे। मोतीपुर की विवाहिता ने पिछले साल 15 जनवरी को परिवार न्यायालय में परिवाद दायर किया था। इसमें उसने कहा था कि उसकी शादी 17 मई 2011 को हुई थी। पति व ससुराल वाले उसके माता-पिता से दहेज में 50 हजार रुपये दहेज व बाइक की मांग की थी। नहीं देने पर उसे प्रताडि़त किया गया।
उसे 28 दिसंबर 2017 को ससुराल से निकाल दिया गया। उसने परिवार न्यायालय में भरण-पोषण का मुकदमा दायर की। लोक अदालत के परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संजय सिन्हा व न्यायिक दंडाधिकारी प्रथत श्रेणी दिव्या शेखर के बेंच संख्या एक में यह मामला आया।
काउंसलिंग के बाद दोनों सुलह के लिए तैयार हो गए और मामले का निष्पादन कर दिया गया। दोनों खुशी-खुशी साथ घर चले गए। इसी तरह का मामला काजीमोहम्मदपुर की एक विवाहिता की थी। इस दंपती ने भी केस को खत्म कर साथ-साथ जीवन जीने को तैयार हो गए।
1244 खातों का निपटारा
राष्ट्रीय लोक अदालत में पंजाब नैशनल बैंक द्वारा 1244 खातों का निपटारा किया गया। उसी समय 78 लाख 98 हजार रुपये की वसूली की गई। मौके पर अंचल प्रबंधक डीके पालीबाल, मंडल प्रमुख आरके जैन, मुख्य प्रबंधक उपेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।