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ऐसा गांव जहां बना रहता है हमेंशा बाढ़ का खतरा

मुजफ्फरपुर। मैनाटांड़, मैं इनरवा पंचायत का बैरिया गांव हूं। मुझ पर प्राकृतिक आपदा रूपी बाढ़ का खतरा ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 03:04 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 03:04 PM (IST)
ऐसा गांव जहां बना रहता है हमेंशा बाढ़ का खतरा
ऐसा गांव जहां बना रहता है हमेंशा बाढ़ का खतरा

मुजफ्फरपुर। मैनाटांड़, मैं इनरवा पंचायत का बैरिया गांव हूं। मुझ पर प्राकृतिक आपदा रूपी बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है। मेरी व्यथा यह है कि मैं दोनों तरफ नदी और नहर से घिरा हूं। मेरे बच्चों को एक बढि़या सड़क नहीं मिली। आज भी मैं मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाया हूं। मेरे बच्चे जब बीमार पड़ते हैं, तो अस्पताल ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सभी प्रमुख नाले अतिक्रमण का शिकार हैं। थोड़ी सी बारिश में सडकों पर जलजमाव कायम हो जाता है, जिससे स्थिति नरकीय बन जाती है। मेरे बच्चे बेहतर शिक्षा भी नहीं हासिल कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या हमारे यहां की बच्चियों को है, जिन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए पांच किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ती है। वह भी सड़क के अभाव में दुर्भाग्य है कि आज भी मेरे आंगन में नाली का गंदा पानी यत्र-तत्र बिखरा रहता है। छोटे नाली से लेकर निकलने वाले गंदे पानी को मुख्य नाला के माध्यम से निकासी करने का मेरे बच्चे का सपना आज भी अधूरा है । ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा-त्रिवेणी नहर नहीं बना पुल

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सीमावर्ती गांव बैरिया के राधा पटेल, बनारसी यादव, विश्वनाथ पटेल, प्रमोद कुमार, कमलेश शाह, अमेरिका पटेल, कैलाश पासवान, लालबाबू यादव, भागवत साह, रोहन पटेल, विकास साह, महेश यादव, अंकित पटेल, रामेश्वर पटेल, सिकंदर आदि ने त्रिवेणी नहर एवं सोती में पुल निर्माण लेकर गहरी ¨चता जताई है। कहा कि नाली के अभाव में सड़कों पर गंदा पानी बहता रहता है। गांव को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क खस्ताहाल है। इसको लेकर काफी समस्या होती है। वर्षों से आंगनबाड़ी भवन बनकर तैयार है। लेकिन, यहां बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देनेवाली सेविकाओं की बहाली ही नहीं हुई है। पेंशनधारियों को वर्षों से पेंशन नहीं मिल रही है। पचास प्रतिशत आबादी शौच के लिए सरेह का रूख करती है। कहते हैं ग्रामीण

साठ वर्षीय विष्णु यादव का कहना है कि यहां के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन ¨सचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। गांव में बेहतर शिक्षा भी नहीं मिल पाती ।

शिक्षक राजेश प्रसाद यादव कहते हैं कि सड़क के मामले में इस गांव का आज भी विकास रुका हुआ है। सड़क का अभाव है। सबसे ज्यादा समस्या बालिका शिक्षा की है। यहां की बच्चियां बेहतर शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही है।

युवा प्रमोद कुमार कहते हैं कि यह गांवप्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है। सड़क स्वास्थ्य शिक्षा ¨सचाई का बुरा हाल है। जरूरत है नहर एवं सोती पर पुल निर्माण की ।

युवा कमलेश शाह कहते हैं कि बेरोजगारी यहां विकराल समस्या है ।इसको लेकर युवा वर्ग दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। जरूरत है इसे रोकने की यहां अगर रोजगार का सृजन हो तो पलायन अवश्य रूकेगी । आबादी एक नजर में

वार्ड - 01

जनसंख्या - 800

आंगनबाड़ी --00

जन वितरण केंद्र -00

प्र्राथमिक विद्यालय - 01

उपस्वास्थ्य केंद्र -- 00


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