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मानवता ही सृष्टि का मूल धर्म

सकरा थाने के समीप संत निरकारी एक दिवसीय समागम किया गया।

By Edited By: Published: Tue, 03 Jan 2017 01:40 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2017 01:40 AM (IST)
मानवता ही सृष्टि का मूल धर्म

मुजफ्फरपुर। सकरा थाने के समीप संत निरकारी एक दिवसीय समागम किया गया। अध्यक्षता करते हुए पूर्व जिला निरंकारी के पूर्व प्रमुख हीरालाल ने कहा कि हम मानव हैं, तो हम सभी का कर्म भी मानव के जैसा होना चाहिए। परंतु, आज अपना व्यवहार मानव की तरह न कर दानव की तरह करने लगे हैं। हम प्रेम व भाईचारा छोड़ एक-दूसरे के साथ ईष्र्या करने लगे हैं। कहा कि हमारा मिशन मानव से मानव को जोड़ कर मानवता सिखाता है। यह हमारी सृष्टि का मूल धर्म हैं, क्योंकि धर्म जोड़ता है, तोड़ता नही।

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इस मौके पर क्षेत्रीय संचालक दिलीपजी ने कहा कि नारी सद्गुरु माता सविंद्र हरदेवजी महराज नारी रूप में आकर हम लोगों को ज्ञान बांट रहे हैं। मुखी महात्मा उमेश साह ने कहा कि हमें अपनी वाणी को कोयल की तरह रखना चाहिए। लोगों को माता सविंद्र हरदेवजी को याद कर वाणी में मिठास लाने का संकल्प लेना चाहिए। सेवादल के महात्मा गया राय ने कहा कि हमारे दुख का कारण अभिमान, अहंकार व घमंड है। नववर्षपर इसे दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। गायक कलाकार तुर्की के दीपलाल व बिन्दु देवी ने गायन से लोगों को मुग्ध कर दिया। मौके पर शत्रुघ्न ठाकुर, शिवजी साह, देवेन्द्र पंडित, रामदयाल, रामसागर उपस्थित थे।


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