Move to Jagran APP

कमिश्नर के यहां गेस्ट फैकल्टी के रोस्टर में पकड़ाई गड़बड़ी, विश्वविद्यालय से मांगा जवाब Muzaffarpur News

बुस्टा अध्यक्ष ने कहा पढ़ाई छोड़ फाइलों में उलझे रहते अधिकारी। इंटरव्यू के बाद नवंबर से बहाली के इंतजार में हैं उम्मीदवार। 26 विषयों में 857 पदों पर बहाली का इंतजार।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 11:44 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 11:44 AM (IST)
कमिश्नर के यहां गेस्ट फैकल्टी के रोस्टर में पकड़ाई गड़बड़ी, विश्वविद्यालय से मांगा जवाब Muzaffarpur News
कमिश्नर के यहां गेस्ट फैकल्टी के रोस्टर में पकड़ाई गड़बड़ी, विश्वविद्यालय से मांगा जवाब Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों की बहाली में अब रोस्टर में अड़ंगा लगा हुआ है। विश्वविद्यालय की ओर से बहाली की फाइल रोस्टर क्लीयरेंस के लिए प्रमंडलीय आयुक्त (कमिश्नर) के यहां भेजी गई जिसमें गड़बड़ी पकड़ में आई है। बिहार विश्वविद्यालय (सेवा) शिक्षक संघ (बुस्टा) के अध्यक्ष व पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. विवेकानंद शुक्ला ने कहा कि आपत्तियों पर कमिश्नर ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। रोस्टर क्लीयरेंस में कितना वक्त लगता है उम्मीदवारों को अब इसका इंतजार करना होगा।

loksabha election banner

 उधर, कुलपति डॉ. आरके मंडल ने इस बाबत सिर्फ इतना कहा कि रोस्टर क्लीयरेंस के लिए बहाल होने वाले शिक्षकों की फाइल कमिश्नर के पास गई हुई है। उनके यहां से हरी झंडी मिलने के हफ्तेभर में बहाली की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। उन्होंने माना कि शिक्षकों की कमी के चलते पठन-पाठन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा। मगर बीपीएससी से बहाल होकर कई विषयों में शिक्षक आए हैं जिनसे थोड़ी भरपाई होने की उन्होंने बात कही।

 गौरतलब है कि 857 पदों पर 26 विषयों में ये बहाली नवंबर में ही जानी थी। इंतजार में सितंबर भी बीता जा रहा है। तब से दो कुलपति बदले जा चुके। अब तीसरे वीसी के चार्ज में डॉ.मंडल आए हैं। पिछले साल 29 सितंबर तक उम्मीदवारों से आवेदन लिए गए फिर इंटरव्यू हुआ मगर बहाली कुलपतियों के आने-जाने के चक्कर में अटकी रही है।

एडमिशन, परीक्षा व रिजल्ट रह गया काम

बुस्टा अध्यक्ष डॉ. शुक्ला का कहना है कि इस विश्वविद्यालय में कुलपति समेत तमाम अधिकारियों को शिक्षा पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है। फाइलों में ही उलझे रहते हैं। नामांकन, परीक्षा व रिजल्ट भर ही काम रह गया है। शिक्षक हैं ही नहीं, कक्षाएं खाली जा रही हैं, छात्र-छात्राएं जो आ रहे हैं, बैरंग लौट रहे हैं। विद्यार्थी यहां सिर्फ एडमिशन व डिग्री लेने आते हैं। उनकी अधिकतर पढ़ाई कोचिंग पर ही निर्भर होती है।

कई-कई विभाग बिना प्रोफेसर व लेक्चरर के

उधर, कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षकों की भारी कमी है। जितने पढ़ा रहे, उससे दोगुने पद खाली हैं। कुछ कॉलेजों में कई-कई विभाग बिना प्रोफेसर व लेक्चरर के ही चल रहे हैं। कुछ तो बंद ही हो गए। यह हाल तब है, जब यहां स्नातक से स्नातकोत्तर तक हर साल 10 लाख विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में अभी कम से कम 600 शिक्षक चाहिए। बीपीएससी से जितने शिक्षक बहाल हो रहे हैं उससे दो फीसद ही भरपाई हो पाएगी।

इन विषयों में होनी है बहाली

भौतिकी-52

रसायन -50

जूलॉजी -71

बॉटनी -61

गणित -40

इलेक्ट्रॉनिक्स-09

भूगोल -21

मनोविज्ञान -85

गृह विज्ञान -17

संगीत -05

इतिहास -83

अर्थशास्त्र -47

राजनीति विज्ञान -86

समाजशास्त्र -04

दर्शनशास्त्र -23

ङ्क्षहदी -78

अंग्रेजी -43

संस्कृत -10

उर्दू -28

मैथिली -04

बंगाली -04

पर्शियन -03

वाणिज्य -28

लॉ -02

भोजपुरी -02

नेपाली -01

26 विषय : 857 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.