29 दिसंबर की ठंड ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, नहीं थमी पछुआ तो 'कोल्ड वेव' का दिखेगा कहर
04.9 पर पहुंचा न्यूनतम तापमान, अधिकतम तापमान भी सामान्य से चार डिग्री कम। पछुआ हवा बहने से बढ़ रही कनकनी और ठिठुरन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भारतीय कैलेंडर में पूस (पौष) का महीना सर्वाधिक ठंड वाला होता है। इसका सर्वाधिक प्रभाव रात में होता है। इसका प्रमाण है कि रात के तापमान में गिरावट आने लगी। शनिवार को इस सीजन में ठंड ने नया रिकॉर्ड कायम किया। विगत 10 वर्षों में 29 दिसंबर 2018 की तिथि जैसी ठंड कभी नहीं पड़ी। पिछला न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस था, जो लुढ़ककर 4.9 पर पहुंच गया। अधिकतम तापमान भी सामान्य से चार डिग्री कम होकर 21 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। मौसम और तापमान के गणित ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। पछुआ हवा बहने से सुर्ख ठंड पड़ रही। लोगों के चेहरे और हाथ-पांव सूख रहे। शरीर में नमी की कमी महसूस की जा रही।
दोपहर में पछुआ का दिखा असर
शनिवार की सुबह ठंड की अधिकता रही। ठिठुरन और गलन महसूस की गई। हालांकि, आठ बजे के बाद धूप निकली। शुरुआती समय में राहत मिली। लेकिन, पछुआ ठंड का असर दिखाती रही। दोपहर बाद धूप पर पछुआ हावी होने लगी। शाम होते-होते हल्का कुहासा छाने लगा। अंतत: ठंड ने रिकॉर्ड कायम किया। यह स्थिति 'कोल्ड वेबÓ की है। पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल सत्तार ने कहा कि ठंड का यह तेवर बना रहेगा। पछुआ के चलने से शीतलहर चलेगी।
शाम होते सड़कों पर सन्नाटा
ठंड के असर से बाजार भी शाम होते ठंडा पड़ जा रहा। दूर-दराज के लोग तो चार बजे तक घरों को लौट जा रहे। शहर के लोग ही सड़कों पर नजर आते। वे भी छह बजे तक घरों में दुबक जा रहे। मतलब सात बजते-बजते सन्नाटे की स्थिति। इक्का-दुक्का ही लोग दिखते। हां, कुछ रिक्शेवाले समूह में कागज-गत्ते जलाकर ठंड से राहत पाते जरूर दिख जाते।
कोल्ड वेब को जानें
कोल्ड वेब, जिसे कुछ क्षेत्रों में कोल्ड स्नैप या कोल्ड स्पेल के रूप में जाना जाता है। आम भाषा में इसे शीत लहर भी कहते हैं। इसके प्रकोप से 24 घंटे की अवधि में तापमान में तेजी से गिरावट (सात डिग्री सेल्सियस तक) आती है। इस अंतराल में मौसम को 20 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान ठंडा कर देता है। कोल्ड वेब से पशुधन और वन्यजीवों की मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए अधिक से अधिक कैलोरी का सेवन अनिवार्य हो जाता है।
इस सप्ताह न्यूनतम तापमान का ग्राफ
22 दिसंबर-7.5
23 दिसंबर- 7.2
25 दिसंबर- 8.0
26दिसंबर -6.8
27दिसंबर -5.5
28दिसंबर- 6.8
29दिसंबर -4.9
10 साल के रिकॉर्ड का ग्राफ
29 दिसंबर 2018 -4.9
29दिसंबर 2017- 9.4
29दिसंबर 2016- 8.5
29दिसंबर2015- 5.5
29दिसंबर2014-6.6
29दिसंबर 2013-10.2
29 दिसंबर 2012-8.0
29 दिसंबर2011- 8.9
29दिसंबर 2010-6.5
ठंड जनित बीमारी से छह की मौत
कुढऩी की हरपुर बलड़ा पंचायत के वार्ड नौ निवासी दिलचंद र्पंिडत की पत्नी पार्वती देवी (65) की मौत ठंड के प्रकोप से हो गई। पुष्टि रामदरस आनंद ने की। उन्होंने प्रखंड प्रशासन से घनी आबादी वाली हरिजन बस्ती और चौक-चौराहों पर अलाव की मांग की है। इधर, औराई की घनश्यामपुर पंचायत के गंगुली में ठंड के प्रभाव और उससे पनपी बीमारी से 50 वर्षीय दीपलाल राय की मौत हो गई। मुखिया अनमोल ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है। कुढऩी के दरजियां में अमरजीत कुमार, किशुनपुर मधुवन में सुमित्रा देवी और तुर्की ओपी के छाजन में सीता देवी की मौत भी ठंड जनित बीमारी से हो गई।