केमिकल लेप से कांड के उद्भेदन में जुटी सीबीआइ
नवरुणा हत्याकांड की गुत्थी उलझती जा रही है।
मुजफ्फरपुर । नवरुणा हत्याकांड की गुत्थी उलझती जा रही है। कई लोगों के जेल भेजे जाने के बाद भी सीबीआइ के हाथ कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग रही। केमिकल बिक्रेताओं की भी जानकारी सीबीआइ को नहीं मिली। औषधि विभाग ने केमिकल के खुदरा और थोक बिक्रेताओं के यहां निबंधन होने से इंकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम डेडलाइन खत्म होने के बाद इधर सीबीआइ की जांच अवधि बढ़ गई है। सीबीआइ के हाथ खाली होने कारण नवरुणा के माता-पिता ने अधिकारियों से बात करना भी छोड़ दिया है। नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती कहते हैं कि, वे अक्टूबर से ही सीबीआइ अधिकारी से बात नहीं करते। सीबीआइ के पास केड हैंडओवर के एक साल के बाद अप्रैल 2015 से इनकी परेशानी बढ़ गई। उनका कहना है कि, शुरूआती दौर में जांच का दिशा सही चला। केमिकल लेप के ब्रिकेताओं खबर सुनकर वे दंग है। कहते हैं कि, सीबीआइ को पहले नवरुणा के अपहरणकर्ता को पकड़ना चाहिए। उसके बाद सारा राज अपने-आप खुल जाता। लेकिन सीबीआइ सीधे के बजाए उल्टे हाथ नाक छू रही है।
सीबीआइ के वर्तमान जांचकर्ता इंस्पेक्टर कुमार रौनक अभी छुट्टी पर चल रहे हैं। मंगलवार को योगदान देंगे। उसके बाद पुन: जांच में तेजी आएगी। कुछ दिन पहले इनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके कारण वे छुट्टी में चल रहे थे।
बता दें कि नवरुणा हत्याकांड का केस सीबीआइ को चार साल पहले मिला था। तब से हजारों लोगों से पूछताछ हो चुकी है। इस दौरान कई जांचकर्ता बदले गए। इसके करण दो साल तक जांच प्रभावित भी रहा। आधा दर्जन संदिग्धों को भेज भेजा गया। निगम पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू को संदिग्ध अभियुक्त बनाकर जेल भेजा गया। लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने पर जमानत मिल गई।
नवरुणा के पिता-पिता को कोर्ट पर भरोसा
नवरुणा के माता-पिता को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। इसके पहले राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को भी सारी बातों की जानकारी दे चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वे कोई दूसरी कदम उठा सकते हैं। मन ही मन इसकी रणनीति भी बना रहे हैं। वे कहते हैं कि, सीबीआइ को एक-एक सवाल का जवाब कोर्ट को देना होगा।
पिता को बेटी के आने का इंतजार
अतुल्य चक्रवर्ती को बेटी नवरुणा के आने का अभी भी इंतजार हैं। वे कहते हैं कि, उनकी बेटी मरी नहीं है। उसको भूमाफिया कहीं अपहरण कर रखे हुआ है।
क्या है मामला
18 सितंबर 2012 की रात खिड़की का छड़ टेढ़ा कर नवरुणा का अपहरण कर लिया गया था। 19 सितंबर 2012 को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। 20 अक्तूबर 2012 को पुलिस ने बबलू, सुदीप चक्त्रवर्ती व श्याम पटेल को जेल भेजा। 04 नवंबर 2012 को फॉरेंसिक टीम की थी। 26 नवंबर 2012 को घर के पास नाले में कंकाल मिला। 28 दिसंबर 2012 को फॉरेंसिक जाच की रिपोर्ट मिलने का दावा किया था, तब से मामला अभी तक उलझा हुआ है।