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स्पेशल परीक्षा के लिए पीजी में तीन बैच के छात्रों का कॅरियर दांव पर

बिहार विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में एक साथ तीन-तीन सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं स्पेशल परीक्षा के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 01:19 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:31 AM (IST)
स्पेशल परीक्षा के लिए पीजी में तीन बैच के छात्रों का कॅरियर दांव पर
स्पेशल परीक्षा के लिए पीजी में तीन बैच के छात्रों का कॅरियर दांव पर

मुजफ्फरपुर। बिहार विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में एक साथ तीन-तीन सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं स्पेशल परीक्षा के लिए दौड़ लगा रहे हैं। 200 से अधिक छात्रों का कॅरियर दांव पर है। अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। एक बार प्रमोटेड हुए तो दूसरी बार फेल हो गए हैं। स्पेशल परीक्षा लेकर सेशन अपडेट करने की मांग कर रहे हैं। परीक्षा की आस में उम्र निकली जा रही और कॅरियर भी दांव पर है। डिग्री मिले तो शादी-ब्याह भी हो। शुक्रवार को फिर एक बार मोतिहारी-बेतिया जिलों से छात्र-छात्राओं का हुजूम विश्वविद्यालय पहुंचा। कंट्रोलर- रजिस्ट्रार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया तो वे कुलपति आवास पहुंचे। यहां कुलपति से मिलने नहीं देने पर छात्र लोजपा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष गोल्डेन सिंह ने मध्यस्थता की। उनके सहयोग से ये सभी कुलपति से मिले, लेकिन आश्वासन से अधिक फिर कुछ नहीं मिल पाया।

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प्रोवीसी सर, वीसी बन गए तो अब कुछ कीजिए : छात्रा कंचन कुमारी, पूजा कुमारी, रजनी कुमारी, स्वाति कुमारी, अर्चना कुमारी, चंदा कुमारी ने बताया कि कुलपति डॉ. आरके मंडल ने इतना आश्वासन दिया कि शीघ्र इस बारे में बैठक बुलाएंगे और क्या कुछ हो सकता है विचार-विमर्श किया जाएगा। इतना सुनकर हम सबका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सबने उन्हें उनकी ही बात याद दिलाई कि कुछ ही दिन पहले जब वे प्रोवीसी हुआ करते थे। परीक्षा के लिए तब उनसे फरियाद करने पर कहा था कि हम तो प्रोवीसी हैं अगर वीसी होते तो जरूर मदद करते।

दूर-दराज के विद्यार्थी बैरंग लौटने को मजबूर : छात्र-छात्राओं का कहना था कि एक बार प्रमोटेड और दूसरी बार फेल कर दिया गया। प्रमोटेड व फेल के फेरे में पड़कर हम सभी विद्यार्थी मानसिक रूप से परेशान और दबाव में हैं। स्नातकोत्तर सेकेंड सेमेस्टर सत्र 2014-16, 2015-17, 2016-18 का रिजल्ट बहुत खराब आया है। अधिकतर विद्यार्थी सेवेंथ पेपर में फेल हैं। किसी-किसी को जीरो नंबर भी आया है। ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई एक नंबर का भी नहीं लिख पाए। अर्चना कुमारी की शादी होने वाली है, लेकिन रिजल्ट और डिग्री के चक्कर में उस पर ग्रहण लगा है। जाहिर बात है कि मास्टर डिग्री करने वाले छात्रों की उम्र शादी के लिहाज से तो लगभग पूरी हो ही चुकी है।


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