Move to Jagran APP

भवन है जर्जर, पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे

मुजफ्फरपुर। शिक्षा विभाग द्वारा व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कोशिशों के बाद भी तस्वीर बदलती दिखा

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 12:36 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 12:36 PM (IST)
भवन है जर्जर, पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे
भवन है जर्जर, पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे

मुजफ्फरपुर। शिक्षा विभाग द्वारा व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कोशिशों के बाद भी तस्वीर बदलती दिखाई नहीं दे रही है। विद्यालयों में बदहाली आज भी कायम है। इसके कई कारण सामने आ रहे हैं। कहीं, भवन की कमी है तो कहीं शिक्षकों की। किताबें अब तक बच्चों तक नहीं पहुंच सकी हैं। कहीं किचेन शेड का अभाव है तों कहीं बेंच-डेस्क की। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। दैनिक जागरण की टीम ने ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड के तहत पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड की दक्षिणी गवंद्रा पंचायत अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय सहथा मठिया का जायजा लिया। हम सुबह 8:30 बजे विद्यालय परिसर में दाखिल हुए। बच्चे पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण करते नजर आए। दूसरी ओर जर्जर भवन में रसोइया खाना पका रही थी। हमने प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार पांडेय से मुलाकात की। बातचीत के क्रम में जानकारी मिली कि मेन्यू के अनुसार खिचड़ी चोखा बनाया जा रहा है। हालांकि साफ-सफाई के मामले में स्थिति अच्छी नहीं दिखी। विद्यालय में नामांकित बच्चों की कुल संख्या 128 बताई गई। इनमें 103 उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों की संख्या मात्र दो थी। दोनों उपस्थित थे। दो चापाकल में एक चालू हालत में दिखा। चहारदीवारी भी नजर आई। हम प्रधानाध्यापक के साथ पेड़ के नीचे बैठ शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों से मिले। इस संबंध में प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में दो कमरे का भवन है। वह भी जर्जर स्थिति में है। पता नहीं उसका छत कब नीचे आ जाए, इसलिए बच्चों को बाहर ही बैठाना पड़ता है। यहां कक्षा पांच तक की पढ़ाई होती है। बच्चों से बातचीत में उनकी शैक्षणिक स्थिति संतोषजनक नहीं दिखी। सभी बच्चों के पास किताबें भी नहीं थीं। वहीं, बच्चे यूनिफार्म में भी नहीं दिखे। प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि संसाधनों का अभाव है। भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है। शिक्षकों की भी कमी है। पांच कक्षाओं के लिए मात्र दो शिक्षक हैं। किताबें भी सभी बच्चों के पास नहीं है। किचेन शेड भी नहीं है। बावजूद इसके गुणवत्ता सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.