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यहां की टूटी सड़कें इस तरह हादसे के साथ-साथ बीमारियों को दे रहीं दावत

लोकसभा चुनाव के समय से ही निर्माण के हो रहे दावे। एक साल में कई बार टेंडर बदल गए चार अभियंता। लोग हादसे ही नहीं बल्कि हड्डी और नस की बीमारियों से हो रहे पीड़ित।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:45 PM (IST)
यहां की टूटी सड़कें इस तरह हादसे के साथ-साथ बीमारियों को दे रहीं दावत
यहां की टूटी सड़कें इस तरह हादसे के साथ-साथ बीमारियों को दे रहीं दावत

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सड़कें विकास का प्रतीक मानी जाती हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर शहर की सड़कें न केवल हादसे बल्कि हड्डी और नस की बीमारियों को जन्म दे रही हैं। रोजाना सैकड़ों लोग सड़क की गड़बड़ी के चलते इन बीमारियों के शिकार बन रहे हैं। प्रधानमंत्री तक से इस संबंध में शिकायत की गई है।

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निर्माण का मसौदा टेंडर दर टेंडर में अटका

सड़कों में गड्ढों की वजह से हादसे हो रहे हैं। हाथ-पांव टूटना आम बात है। गड्ढों के चलते बाइक और कार चलाने वाले लोग स्पांडिलाइटिस जैसी बीमारी का शिकार बन रहे हैं। अभी बारिश और बाढ़ के चलते गड्ढों में तब्दील सड़कें कयामत बरपा रही हैं। इन सबके बीच निर्माण का मसौदा टेंडर दर टेंडर में अटका है।

जल्द ही निर्माण शुरू होगा

क्लब रोड, भामा साह रोड, मिठनपुरा, जवाहर लाल रोड आदि सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हैं। निर्माण के एक दशक बाद भी इनकी मरम्मत नहीं हो सकी है। कभी नगर निगम तो कभी पथ निर्माण विभाग और फिर स्मार्ट सिटी के सपनों के बीच ये सड़कें बेबसी के सफर के लिए चर्चित हो गई हैं। वह भी तब जब इलाका सूबे के नगर विकास एवं आवास मंत्री का है। वहीं मंत्री सुरेश शर्मा का कहना है अब शहरवासियों की परेशानी थम जाएगी। जल्द ही निर्माण शुरू होगा।

टेंडर और आश्वासन के बीच निर्माण में पेच

पथ निर्माण विभाग प्रमंडल संख्या एक के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार का कहना है कि जलजमाव समाप्त होते ही सड़कों की स्थिति दुरुस्त होगी। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब शासन-प्रशासन आश्वासन की घुट्टी पिला रहा है। लोकसभा चुनाव के वक्त से ही आश्वासन मिल रहा है। जबकि, जनता दर्द झेल रही है। हैरत की बात यह कि इस दौरान एक-एक कर चार अभियंता भी बदल गए।

नर्वस सिस्टम पर असर

चिकित्सक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि सड़क पर वाहन चलाने के दौरान अचानक गड्ढे में बाइक और कार के पडऩे से नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। जर्जर सड़क हादसे के कारण बनते हैं। वाहनों की रफ्तार धीमी रखकर ही वाहन चला कर हम हड्डी और नस जैसे रोगों से बच सकते हैं।

पीएम को भेजा मार्मिक पत्र

नार्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संबंध में मार्मिक पत्र भेजा है। इसमें बताया है कि कैसे स्मार्ट सिटी की सड़कें बीमारी और हादसे का कारण बन रही हैं। महामंत्री अरुण कुमार पोद्दार ने पीएम से मामले में पहल की मांग की है। चैंबर अध्यक्ष मोतीलाल छापडिय़ा ने कहा कि सड़कों की परेशानी दूर होनी चाहिए। मीडिया प्रभारी सज्जन शर्मा ने कहा कि मंत्री से आश्वासन मिला है। हमें उम्मीद है, जल्द ही सड़कें बनेंगी। 


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