वृद्ध महिला की शव को कब्रिस्तान में दफनाने से रोका, हंगामा
ब्रह्मपुरा शिया कब्रिस्तान में दफनाने से रोकने पर हुए हंगामे पर पहुंची पुलिस, पहुंचे एसडीओ व डीएसपी, काफी जद्दोजहद के बाद माने लोग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कब्रिस्तान में वृद्धा की शव को दफनाने से रोकने पर ब्रह्मपुरा में जमकर हंगामा हुआ। इसको लेकर दो गुट आमने-सामने हो गए। माहौल बिगडऩे पर ब्रह्मपुरा थाने की पुलिस पहुंची, मगर मामला शांत नहीं हुआ। मामला शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन तक पहुंचा। चेयरमैन ने मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीओ पूर्वी डा. कुंदन कुमार एवं नगर डीएसपी दल-बल के साथ पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद दोनों पक्षों को समझा कर शव दफनाने पर सहमति बनी।
पूर्व मोतवल्ली ने दफनाने से रोका, कहा, अब नहीं होता यहां दफन
ब्रह्मपुरा निवासी सैयद हुसैन मुसा रिजवी की मां सफीआ बेगम का इंतकाल शुक्रवार को इलाज के दौरान हो गई। उनके परिजन शव को मीर हसन खां वक्फ स्टेट इमामबाड़ा के नजदीक स्थित कब्रिस्तान में दफन करना चाह रहे थे। निवर्तमान मोतवल्ली एस जफर अब्बास ने यहां दफनाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि यहां कई वर्षों से मुर्दे को दफन नहीं किया जा रहा है। उनके द्वारा इस संबंध में मौलाना सैयद काजिम शबीब से इस संबंध में शरीअत के आईने में जानकारी लेने की बात कही गई। इसको लेकर समुदाय के लोग दो गुट में बंट गए, और विवाद बढ़ गया।
पुलिस-प्रशासन की सुस्ती से बढ़ रहा मौलाना का मनोबल
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद अली आजाद ने पूरे मामले के लिए जिला प्रशासन व पुलिस की कार्यशैली पर अंगुली उठाई है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति कानून को सरेआम तोड़ कर माहौल को अशांत कर रहा है। पुलिस-प्रशासन उस पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इमामबाड़ा व मस्जिद में जाने पर पाबंदी लगाई जा रही है, कब्रिस्तान में दफन करने से रोका जा रहा है। प्रशासन मूक दर्शक बनी है। एस जफर अब्बास को मोतवल्ली पद से हटाया जा चुका है।
इमामबाड़ा के कब्रिस्तान में दफन शरीअत-कानून के खिलाफ
मौलाना सैयद काजिम शबीब ने कहा कि इमामबाड़ा के सामने दफन करना शरीअत व कानून के खिलाफ है। पूर्व में लोगों ने जानकारी नहीं रहने की वजह ये यह चूक कर दी। कमरा मोहल्ला में भी इस तरह की चूक हुई। अब लोग जागरुक हो रहे हैं। शरीअत व कानून के खिलाफ इमामबाड़ा के नजदीक दफन नहीं किया जा रहा है। वक्फ बोर्ड को शरीअत के मामले में इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए।