नैनीताल में भूस्खलन में मृत सात मजदूरों का शव पहुंचा पश्चिम चंपारण ,गांव में कोहराम
West Champaranछह मजदूर बैरिया प्रखंड के अलग-अलग गांव के एक मजदूर लौरिया प्रखंड के बसंतपुर गांव का भूस्खलन में मृत मजदूरों का शव अलग- अलग एंबुलेंस से रनहा गांव में पहुंचा। शव आने के साथ हीलोगों की भीड़ मृतकों के घर की ओर दौड़ी।
पश्चिम चंपारण (बेतिया), जासं। उत्तराखंड के रामगढ़ में भूस्खलन में जिले के बैरिया एवं लौरिया प्रखंड के सात मजदूरों का शव रविवार की सुबह में पहुंचा। मृतकों में छह मजदूर बैरिया प्रखंड के अलग- अलग गांव के हैंं। जबकि एक मजदूर लौरिया प्रखंड के बसंतपुर गांव का था। शव गांव में पहुंचते हीं कोहराम मच गया। शव देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया। मृतकों के स्वजनों की चीत्कार सुन सबकी आंखें नम हो गई। अभी भी बैरिया प्रखंड के रनहा गांव निवासी अनिल चौधरी एवं सिरिसिया गांव के चुन्नी मांझी का शव नैनीताल में मलवे में दबा हुआ है। इन दोनों के स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के शशि कुमार सक्सेना ने बताया कि मृतकों में बैरिया प्रखंड के रनहा गांव के संतोष यादव , रनहा झौवाटोला के श्रीकांत मांझी , मलाही बलुआ के संदीप कुमार , अजय कुमार , सूर्यपुर के ढोढ़ा यादव एवं सिरिसिया नवका टोला के शर्मा चौधरी तथा लौरिया प्रखंड के बसंतपुर गांव निवासी धामू मुखिया का शव उनके स्वजनों को सौंप दिया गया। बिहार सरकार एवं उत्तराखंड सरकार के सहयोग से सरकारी खर्चे से मृतकों का शव उनके घर तक पहुंचाया गया। उल्लेखनीय है कि बीते 19 अक्टूबर की सुबह में पहाड़ टूटकर गिर गया था। जिसमें घर में सोए सभी मजदूर दब गए थे। उत्तराखंड सरकार की ओर से रेस्क्यू कर शव को निकाला गया। वहां से हेलीकॉप्टर से शवों को हल्द्वानी लाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस से शवों को दिल्ली भेजा गया। दिल्ली से इंडिगो विमान से शव पटना लाया गया। पटना में पहले से एंबुलेंस लेकर जिला प्रशासन की टीम मौजूद थी, जो शवों को मृतकों के घर पहुंचा दी।
नैनीताल में अब तक पश्चिम चंपारण के दस मजदूरों की मौत
उत्तराखंड में भूस्खलन में अब तक पश्चिम चंपारण के दस मजदूरों की मौत हो चुकी है। जबकि दो अन्य मजदूर लापता हैं। दस मजदूरों का शव प्रशासन के सहयोग से उनके घर तक पहुंचाया जा चुका है।