जजों को हत्या की धमकी देने वाले आरोपित की जमानत अर्जी खारिज, जानिए पूरा मामला
जिला जज की कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत अर्जी की खारिज। आदेश में जिला जज ने कहा न्यायिक अधिकारियों से रंगदारी मांगने के मामले में नहीं दी जा सकती जमानत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एडीजे को पत्र भेजकर हत्या की धमकी देने के आरोपितों की जमानत अर्जी को सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसमें एक आरोपित बिहार प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी मनोज राम व दूसरा शिवशंकर सहनी है। दोनों न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
जिला जज ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा है कि रंगदारी के पत्र में पवन भगत के मोबाइल नंबर का जिक्र है। आरोपित उसके संपर्क में था। शिवशंकर सहनी का 15 आपराधिक कांडों में संलिप्तता पुलिस बता रही है। न्यायिक अधिकारी को धमकी देकर रंगदारी मांगने जैसे जघन्य अपराध में जमानत नहीं दी जा सकती है।
यह है मामला
पिछले साल दो जजों को धमकी भरा पत्र मिला था। इस मामले में पुलिस ने बिहार प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी मनोज राम को गिरफ्तार किया था। रिश्वत लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने उन्हेंं ट्रैप किया था। इसी मामले में वे निलंबित चल रहे थे। उनका एक निजी संगठन है। शिवशंकर सहनी उस संगठन का अध्यक्ष है। पवन भगत की गिनती उत्तर बिहार के कुख्यातों मे होती है। उसके विरुद्ध हत्या व रंगदारी सहित दर्जनों मामले दर्ज है। बिहार सरकार ने उसके उपर 50 हजार रुपए का इनाम रखा है। इसके बाद भी वह पकड़ में नहीं आया है।