सुधरने की जगह बिगड़ती ही जा रही मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की व्यवस्था, टार्च की रोशनी में इलाज
सदर अस्पताल के निरीक्षण में अव्यवस्था पर डीएम ने दिए थे सुधार के निर्देश। नहीं दिखी हनक सफाई एजेंसी को बदलने की कवायद उपाधीक्षक ने सौंप दी अपनी रिपोर्ट। दो बजे के बदले पौने दो बजे ही जांच केन्द्र पर ताल लटका दिया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल कुप्रबंधन से उबर नहीं पा रहा। डीएम प्रणव कुमार के मंगलवार को निरीक्षण के बाद भी बुधवार को वही हाल रहा। यहां तक कि स्थिति और बिगड़ गई। इमरजेंसी वार्ड में बिजली गुल होने पर मोबाइल की रोशनी में इलाज करते रहे चिकित्सक। आइसीयू में भर्ती मरीज अंधेरे में कराहता रहा। उन्हें देखने वाला कोई नहीं। जिलाधिकारी ने जांच घर में जिस कमरे में कब्जा देख प्राथमिकी की चेतावनी दी थी वह बंद रहा। वहां हरा पर्दा टंगा ही रह गया। बंद पंखा को चालू नहीं किया जा सका। गर्मी में मरीज धक्का खाते हुए अपनी बारी का इलाज करते रहे। एक्स-रे सेंटर से लेकर जांच केन्द्र तक धक्का-मुक्की। दो बजे के बदले पौने दो बजे ही जांच केन्द्र पर ताल लटका दिया गया। इस बीच उपाधीक्षक ने सफाई एजेेंसी को बदलने की कवायद तेज की है।
वार्ड में दिखी दोरंगी चादर
वार्ड में जहां रोज चादर बदलने का आदेश दिया गया था। वहां पर दो रंगी चादर व बेड पर कबूतर की बीट देखी गई।इमरजेंसी से लेकर वार्ड के पास सब जगह पर जलजमाव से मरीज परेशान दिखे। जगह-जगह पर मेडिकल कचरा फेंका हुआ था। जेनरल वार्ड के शौचालय की गंदगी इतनी की मरीज के स्वजन बाहर में ही मल-मूत्र त्यागने को मजबूर दिखे।
अधिकारियों ने आउटडोर में लगाया राउंड
सुबह सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने राउंड लगाकर सुधार का आदेश दिया। सदर अस्पताल से वह अपने चैमबर में आकर काम करने लगे। उसके बाद उपाधीक्षक व प्रबंधक भी अपने काम में मस्त हो गए।सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने कहा कि प्रबंधक व उपाधीक्षक की लापरवाही के कारण पूरा सिस्टम बेपटरी चल रहा है। जिलाधिकारी को अपने स्तर से रिपोर्ट दिए है। दो दिन का समय दिया गया है।
डेंगू का मंडरा रहा खतरा
सदर अस्पताल परिसर में महिला वार्ड, पुरुष वार्ड व इमरजेंसी के बाहर जलजमाव से अब डेंगू का खतरा मंडराने लगा है। यहां पर अपने भाई का इलाज करा रहे कांटी का संतोष ने बताया कि मच्छर के कारण दो दिन परेशान रहे। उसके बाद बाजार से मच्छरदानी खरीद कर लाए। परिसर में जलजमाव के कारण यहां पर इलाज कराने के लिए आए मरीज उछल-कूद कर इधर से उधर जाने को मजबूर दिखे। कई तो गिरते-गिरते बचे। बालूघाट के अशोक राम, तीन पोखरिया की रजिया देवी, कोमल कुमारी ने बताया कि तीन चार पार पानी में गिरने से बचे। पर्ची काटकर लाए। उसके बाद जांच को गए। परेशानी है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि नगर निगम से समन्वय बनाने के लिए प्रबंधक प्रवीण कुमार को कहा गया है।