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B. R. Ambedkar Bihar University: पीएचडी में नामांकन के लिए 27 विषयों में होगी जांच परीक्षा

B. R. Ambedkar Bihar University पीएचडी में नामांकन के लिए जांच परीक्षा से गुजरना होगा। जनवरी में परीक्षा संभावित है। 27 विषयों में 630 सीटों के लिए जांच परीक्षा होगी। पीजी विभागों से सीट की संख्या मंगाने के बाद इसे फाइनल किया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 01:55 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 11:39 AM (IST)
B. R. Ambedkar Bihar University: पीएचडी में नामांकन के लिए 27 विषयों में होगी जांच परीक्षा
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की फाइल फोटो (जागरण आर्काइव)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीएचडी में नामांकन के लिए जांच परीक्षा से गुजरना होगा। जांच के लिए सीटें तय कर दी गई हैं। एजुकेशन व बांग्ला विषय में एक भी सीट नहीं है। जनवरी में परीक्षा संभावित है। 27 विषयों में 630 सीटों के लिए जांच परीक्षा होगी। पीजी विभागों से सीट की संख्या मंगाने के बाद इसे फाइनल किया गया है। डीएसडब्ल्यू डॉ. अभय कुमार सिंह ने बताया कि सीटों को तय कर परीक्षा विभाग को आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा गया है। वहां से फॉर्म भरने और परीक्षा की तिथि होगी। इसी महीने से परीक्षा फॉर्म भरा जाना शुरू होगा। परीक्षा में पास होने के बाद इंटरव्यू के लिए मेधा सूची तैयार की जाएगी। इसमें पीजी में आए अंकों को भी देखा जाएगा। इसके बाद इंटरव्यू की प्रक्रिया होगी।

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इन विषयों में ये हैं सीटें

भोजपुरी-4, बॉटनी-47, केमिस्ट्री-56, कॉमर्स-12, अर्थशास्त्र-17, इलेक्ट्रॉनिक्स-7, अंग्रेजी-48, भूगोल-8, हिन्दी-9, इतिहास-15, होम साइंस-7, मैथ-66, परसियन-12, दर्शनशास्त्र-100, फिजिक्स-16, राजनीति विज्ञान-31, मनोविज्ञान-37, संस्कृत-66, समाजशास्त्र-1 व उर्दू-30

ललित नारायण मिथिला विवि के हिंदी विभागाध्यक्ष सम्मानित

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार राय ने कहा कि प्रो. साह मेरे मेधावी सहपाठी रहे हैं। अनुशासन और मनन-चिंतन के कारण वे विभाग में आदर्श विद्यार्थी रहे और आज आदर्श शिक्षक के रूप में भी उन्होंने विशेष पहचान बनाई है। आज वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष का पद सुशोभित कर रहे हैं। यह विभाग के लिए गौरव की बात है।

 प्रो. राजेंद्र साह ने कहा कि मेरे व्यक्तित्व के निर्माण में इस विभाग का विशेष योगदान है। मौके पर पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रेवती रमण, डॉ. कल्याण कुमार झा, डॉ. राकेश रंजन, डॉ. उज्ज्वल आलोक, डॉ. सुशात कुमार, डॉ. संध्या पाडेय, डॉ. पुष्पेंद्र कुमार, लनामिवि के विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक अखिलेश कुमार, साहित्यकार मंत्रमुदित, चतुर्भुज मिश्र, ज्ञानेश्वर गुंजन, वीरेंद्र कुमार गुप्ता, उत्तरप्रदेश के साहित्यकार चंदेश्वर परवान, डॉ. माधव कुमार, डॉ. उमाशकर आदि मौजूद रहे।


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