अनिल ओझा से विवि अब भी खा रहा खौफ
मुजफ्फरपुर। छात्र नेता मो. शमीम की हत्या समेत कई संगीन मामले में जेल में बंद अनिल ओझा से अब भी बीआर
मुजफ्फरपुर। छात्र नेता मो. शमीम की हत्या समेत कई संगीन मामले में जेल में बंद अनिल ओझा से अब भी बीआरए बिहार विवि प्रशासन डर रहा। यही कारण है कि शमीम की हत्या के बाद से यहां के ऑडिटोरियम व कम्युनिटी हॉल में लगे ताले को विवि प्रशासन नहीं खुलवा पाया। डीएम मो. सोहैल को दी गई रिपोर्ट में निगरानी के एसपी में उक्त बातें कहीं हैं। उन्होंने इस मामले में समुचित कार्रवाई का भी आग्रह किया है।
विवि में वित्तीय अनियमितता की जांच के क्रम में निगरानी एसपी ने पाया कि वर्ष 2011 में तत्कालीन कुलपति विमल कुमार ने विवि के ऑडिटोरियम व कम्युनिटी हॉल को अनिल ओझा को तीन वर्षो के लिए लीज पर दिया था। इसका इस्तेमाल कैट¨रग व टेंट की आपूर्ति के लिए किया जाता रहा। इसका विरोध छात्रों ने किया था। इस कारण ही मो. शमीम की हत्या कर अनिल ओझा फरार हो गया। मगर, दोनों ऑडिटोरियम में ताला लगा दिया। 2013 में हुई इस हत्या के बाद से यहां ताला लगा हुआ है। इससे विवि में शैक्षणिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम बाधित हैं। जांच के दौरान छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत की। मगर, विवि प्रशासन इसे खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। निगरानी एसपी ने कुलसचिव से भी बात की। कुलसचिव ने बताया कि सिंडिकेट के निर्णय के आलोक में इस समस्या के निदान के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इस चार सदस्यीय टीम में सिंडिकेट सदस्य हरेंद्र कुमार व डॉ. शिवानंद सिंह, विवि में राजनीति शास्त्र के डॉ. विपिन राय व कार्यपालक अभियंता को शामिल किया गया है।