निगम में कर्मचारियों व अधिकारियों में टकराव के आसार, भूमिका तैयार
नगर निगम में कभी भी कर्मचारियों एवं निगम प्रशासन के बीच टकराव हो सकता है।
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में कभी भी कर्मचारियों एवं निगम प्रशासन के बीच टकराव हो सकता है। निगम बोर्ड की बैठक में लिए गए एक फैसले ने इसकी भूमिका तैयार कर दी है। आइटी मैनेजर के पद एवं वेतनमान पर नगर निगम कर्मचारी संघ एवं नगर निगम कामगार यूनियन द्वारा सवाल खड़ा किए जाने के बाद टकराव के हालात पैदा हुए हैं। कर्मचारी संघ की आपत्ति के बाद नगर निगम में रातों-रात आइटी कर्मचारी संघ का गठन हो गया और हरिनंदन कुमार उसके अध्यक्ष बन गए हैं। आइटी कर्मचारी संघ ने नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय को पत्र लिखकर नगर निगम के कर्मचारियों की नियुक्ति विधि पूर्वक नहीं होने तथा उनकी बहाली में घोर अनियमितता बरतने की शिकायत कर डाली है। नगर आयुक्त से उनकी सेवा संपुष्टि से पूर्व नियुक्ति की जांच की मांग की है। इसके बाद निगम का माहौल गर्म हो गया है। सोमवार को कर्मचारी संघ ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर बोर्ड द्वारा नियम विरुद्ध हरिनंदन कुमार को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष अशोक राय एवं महासचिव सतेंद्र कुमार सिंह ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर बोर्ड के फैसले का अनुपालन नहीं करने एवं इस संबंध में सरकार से मार्गदर्शन लेने का अनुरोध किया था। संघ का कहना है कि बिहार के सभी निकाय अपने अधीनस्थ स्थायी, संविदा एवं अतिरिक्त कर्मचारियों को नगर विकास व आवास विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग द्वारा अधिसूचित वेतन अथवा पारिश्रमिक भुगतान करने हेतु बाध्य है। निगम बोर्ड की बैठक में आइटी प्रबंधक के रूप में एक कर्मचारी को अन्य विभाग बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी, सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मियों को देय पारिश्रमिक के भुगतान संबंधी निर्णय लिया गया जो पूर्णत विभागीय निर्देश के प्रतिकूल है। संघ ने साथ ही कहा है कि निगम में किसी भी कर्मी की नियुक्ति या नियोजन आइटी प्रबंधक के पद पर नहीं है। आइटी प्रबंधक पद के लिए जो शैक्षणिक अहर्ता है वह भी जिस खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा पूरा नहीं करता। इसके बाद निगम में टकराव के आसार पैदा हो गए।