नशे की हालत में हंगामे के दोषी अनिल ओझा को दस साल का कारावास Muzaffarpur News
Anil Kumar Ojha तीन साल पहले 29 नवंबर को ही नशे की हालत में पानी टंकी चौक से हुआ था गिरफ्तार। देना होगा एक लाख दो सौ रुपये जुर्माना।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शराब के नशे में हंगामे के दोषी सदर थाना के खबड़ा गांव निवासी कुख्यात अनिल कुमार ओझा को दस साल कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे एक लाख दो सौ रुपये जुर्माना भी देना होगा। जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक साल सात दिन अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मामले के सत्र विचारण के बाद विशेष न्यायालय (मद्य निषेध व उत्पाद) के न्यायाधीश राकेश मालवीय से उसे यह सजा सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक बजरंग प्रसाद सिंह ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया। अभियोजन पदाधिकारी गौरीशंकर प्रसाद व उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से अधिवक्ता डॉ. रिजवान अहमद एजाजी ने साक्ष्य पेश करने में उनकी मदद की।
पानी टंकी चौक पर कर रहा था हंगामा
ठीक तीन साल पहले 29 नवंबर 2016 की शाम अनिल ओझा को पानी टंकी चौक पर मिठनपुरा थाना के तत्कालीन दारोगा सुजीत कुमार ने गश्ती दल के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय वह वहां हंगामा मचा रहा था। उसके मुंह से दुर्गंध आने पर जब ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई तो शराब पीने की पुष्टि हुई। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जांच के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ 27 जनवरी 2017 को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
दो धाराओं में मिली सजा
अनिल ओझा को विशेष कोर्ट ने दो धाराओं में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। इसमें भारतीय दंड विधान की धारा- 290 (सार्वजनिक स्थान पर हंगामा खड़ा करना) में दो सौ रुपये जुर्माना देना होगा। इस जुर्माने की राशि नहीं देेने पर सात दिनों का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मद्यनिषेध व उत्पाद की धारा- 37 (सी) के तहत दस साल व एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल कारावास की सजा भुगतनी होगी।
छात्र नेता शमीम हत्याकांड में भी इसी साल सुनाई गई थी सजा
विवि के छात्र नेता मो.शमीम हत्याकांड में भी अनिल ओझा को दोषी करार दिया गया था। उसे इसी साल इस मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फिलहाल वह जेल में यह सजा भुगत रहा है। इसके अलावा उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं।
गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही मचा था हड़कंप
शमीम हत्याकांड व अन्य मामले में वह फरार चल रहा था। उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया गया था। उसकी फरारी की अवस्था में ही शमीम हत्याकांड में उसके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। मिठनपुरा के पानी टंकी चौक के निकट नशे की हालत में हंगामा करते जब उसे गिरफ्तार किया गया तो पुलिस को यह भी नहीं पता था कि वह कुख्यात अनिल ओझा है। जैसे ही यह पता चला पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।