Move to Jagran APP

पर्यटन मंत्री सहित दस भाजपा नेताओं ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर छूटे

बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन के तहत जीआरपी ने दर्ज की थी प्राथमिकी। जिला मुख्यालय स्थित एमपी-एमएलए विशेष न्यायलय में किया आत्मसमर्पण।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:14 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 06:14 PM (IST)
पर्यटन मंत्री सहित दस भाजपा नेताओं ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर छूटे
पर्यटन मंत्री सहित दस भाजपा नेताओं ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर छूटे

बेतिया, जेएनएन। बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर आहुत रेल रोको आंदोलन के दौरान नामजद अभियुक्त बने बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार सहित दस भाजपा नेताओं ने शनिवार को बेतिया जिला मुख्यालय स्थित एमपी-एमएलए विशेष न्यायलय में आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करनेवालों में मंत्री के अलावा

loksabha election banner

 हरसिद्धि के पूर्व विधायक कृष्णनंदन पासवान, मोतिहारी के पूर्व मुख्य पार्षद प्रकाश अस्थाना, पूर्व उपमुख्य पार्षद मोहिबुल हक, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रकिशोर मिश्र, सुनीलमणि त्रिपाठी, भाजपा की जिला मंत्री ङ्क्षबटी शर्मा, भाजपा महामंत्री लालबाबू प्रसाद, भाजपा नेता पंकज कुमार सिन्हा, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मार्तण्ड नारायण ङ्क्षसह शामिल है।

 सभी अभियुक्तों का जमानत आवेदन मोतिहारी के अधिवक्ता सह स्टेट बार कॉसिल पटना के सदस्य राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दूबे ने प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई करने के बाद विशेष न्यायाधीश योगेशमणि त्रिपाठी ने सभी अभियुक्तों को जमानत दे दी।

वर्ष 2016 में रेल ट्रैक पर किया था रेल चक्का जाम

वर्ष 2016 में भाजपा और लोक जनशक्ति की ओर से रेल रोको आंदोलन आहुत किया गया था। इस दौरान तत्कालीन मोतिहारी सदर विधायक प्रमोद कुमार (अब पर्यटन मंत्री) सहित दर्जनों भाजपा नेता बापूधाम मोतीहारी रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर रेल ट्रैक पर ही बैठ गये और रेल परिचालन बाधित कर दिया। इस क्रम में श्री कुमार और उनकी पार्टी से जुड़े नेताओं ने वहीं पर ध्वनि विस्तार यंत्र लगाकर सभा भी की, जिससे पूरे ट्रैक पर लोगों की भीड़ हो गई। इस दौरान रेल इंजन पर चढ़कर जमकर नारेबाजी की गई।

 आंदोलन के कारण ट्रेन और मालगाड़ी परिचालन में बिलंब हो गया। आंदोलन के कारण रेल यात्रियों को काफी परेशानी हुई और रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ। उपनिरीक्षक रेलवे बल के पंकज कुमार के बयान के आलोक में मोतीहारी जीआरपी पुलिस ने दर्जनों लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

 अभियुक्तों के न्यायालय में उपस्थित नही होने के कारण विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्तों के खिलाफ वारंट निर्गत किया था। यहां बता दें कि यह वाद पूर्व में रेलवे कोर्ट के एसीजीएम श्रीराम झा के न्यायालय में चल रहा था। विशेष न्यायालय के गठन होने के बाद यह वाद विशेष न्यायाधीश योगेशमणि त्रिपाठी के न्यायालय में हस्तांतरित हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.