Weather Muzaffarpur: चुपके से ठंड ने जिला और आसपास के क्षेत्रों में दी दस्तक, आपने महसूस किया क्या?
Temperature of Muzaffarpurउत्तर बिहार के अन्य हिस्सों की तरह ही मुजफ्फरपुर से भी मानसून की विदाई लगभग पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही ठंड ने चुपके से ही सही दस्तक दे दी है। देर रात या फिर अलसुबह आप इसे महसूस कर पा रहे होंगे।
मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। राज्य के अन्य हिस्सों की तरह ही मुजफ्फरपुर से भी मानसून की विदाई लगभग हो चुकी है। वर्षा खत्म होते ही शरद ऋतु ने दस्तक दे दी है। देर रात या फिर सुबह को आप गुलाबी ठंड को महसूस कर पा रहे होंगे। मार्निंग वाक करने वाले तो विशेष रूप से इसका अनुभव कर रहे होंगे। विशेषकर दशहरा के बाद हुई बारिश ने मौसम में व्यापक बदलाव लाकर रख दिया है। हवा की दिशा में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। पछिया चल रही है। इसके बाद तापमान में कमी स्वाभाविक है। हालांकि अभी इसका प्रभाव सूर्यास्त के बाद यानी रात और सुबह में दिख रहा है। न्यूनतम तापमान कम होकर 20 डिग्री तक चला गया है।
मौसम प्राय: शुष्क ही रहेगा
रविवार की सुबह की बात करें तो धूप खिली हुई है। आसमान में कभी-कभार बादल नजर आ सकते हैं, लेकिन बारिश की आशंका नहीं है। पूरे दिन खिली हुई धूप रहेगी और अधिकतम तापमान 34 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। इसलिए मौसम विभाग ने देर तक खुले में काम नहीं करने की सलाह दी है। शाम के बाद पश्चिम उत्तर पश्चित दिशा से आने वाली हवा के प्रभाव की वजह से तापमान में तेजी से कमी देखने को मिल सकती है। डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। इस अवधि में मौसम के आमतौर पर शुष्क रहने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 31 से 34 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 20 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 6 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।
रबी के लिए खेतों को तैयार करना शुरू करें
किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान अगात धान एवं मक्का की तैयार फसलों की कटाई एवं झड़ाई करें। रबी फसल के लिए खेत की तैयारी करें। फसलों की स्वस्थ एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर खाद की मात्रा पूरे खेत में अच्छी प्रकार विखेरकर मिला दें। खड़ी फसलों में कीट-व्याधि का निरीक्षण करते रहें। 15 अक्टूबर के बाद शरदकालीन गन्ना की रोपाई की जा सकती है।