एसकेएमसीएच में तेज प्रताप यादव बोले, बिहार के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने में सरकार विफल
बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व राजद नेता तेज प्रताप ने किया एसकेएमसीएच का निरीक्षण कहां यहां भगवान भरोसे मरीज इलाज की समुचित व्यवस्था नदारत मुजफ्फरपुर में उनके समर्थकों ने दिखाया कोरोना गाइडलाइन को ठेंगा निरीक्षण के दौरान उड़ी नियमों की धज्जियां
मुजफ्फरपुर, जासं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने कहा है कि सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने में विफल रही है। अस्पताल भगवान भरोसे चल रहे हैं। कोरोना मरीजों को सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया। एसकेएमसीएच में नारकीय हालात है। भर्ती मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। जो सरकार अपनी जनता की जान नहीं बचा सकती उसके मुखिया को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह बातें बुधवार को एसकेएमसीएच का निरीक्षण करने के बाद कहीं।
पूर्व मंत्री मीनापुर विधायक मुन्ना यादव, काटी विधायक इसराइल मंसूरी, गायघाट विधायक निरंजन राय एवं छात्र राजद के प्रधान महासचिव चंदन यादव के साथ सुबह 11.15 बजे एसकेएमसीएच से मिले। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक थे। उनके आते ही अस्पताल में भीड़ लग गई। पूर्व मंत्री पहले एसकेएमसीएच के अधीक्षक से मिले। भीड़ देख अधीक्षक ने नाराजगी जताई। इसके बाद तेज प्रताप एक घंटे तक अस्पताल में घूमते रहे। अधीक्षक ने माइक से स्वयं लोगों को भीड़ नहीं लगाने की चेतावनी दी। अस्पताल में घूमने के बाद वे फिर से अधीक्षक से मिले। सुविधाओं में कमी की शिकायत दर्ज कराई। बाद में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए अस्पताल में नारकीय हालात एवं स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने की शिकायत की। उसके बाद वे दरभंगा के लिए रवाना हो गए।
निरीक्षण के दौरान उड़ी नियमों की धज्जियां
समर्थकों के साथ एसकेएमसीएच पहुंचे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के निरीक्षण के दौरान कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। उनके पहुंचते ही अस्पताल परिसर में काफी देर तक अराजकता का माहौल कायम हो गया। अस्पताल में एक तरफ माइक से शारीरिक दूरी, मास्क जरूरी का टेप बज रहा था वहीं दूसरी तरफ नियमों के अनुपालन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है तो दूसरी ओर निरीक्षण के दाैरान कोविड नियमाें की जमकर अनदेखी हुई। कुछ समय के लिए स्थिति ऐसी हो गई कि एसकेएमसीएच के अधीक्षक बीएस झा को भीड़ को खाली करने की चेतावनी देनी पड़ी। उन्होंने माइक से अनाउंस कर जुटे लोगों को बाहर जाने के लिए कहना पड़।