पश्चिम चंपारण में बाढ़ के दौरान जानवरों को रेस्क्यू के लिए टीम तैयार
West Champaran news वीटीआर के मदनपुर वाल्मीकिनगर वन क्षेत्रों में होती है परेशानी।अवैध खनन व पहाड़ी नदियों के पानी से भर जाता है जंगल। मानसून पहले ही वन विभाग कर ली है सभी तरह की तैयारी ।
बगहा (पचं), जासं। टाइगर रिजर्व के विभिन्न वन क्षेत्रों में बरसात के दिनों में बाढ के पानी में फंसने वाले जानवरों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू टीम तैयार कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार वीटीआर के जंगलों में पहले से खनन किया गया है। जिसमें जंगली इलाकों सहित उसके आस-पास के क्षेत्रों में गढ्ढे बन गए हैं, लेकिन फिलहाल वे गढ्ढे भर नहीं पाएं हैंं। बताया जाता है कि सबसे अधिक गढ्ढे वाल्मिकीनगर वन क्षेत्र में हुआ है । कारण कि उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया गया है । बरसात के दिनों में उन गढ्ढो में बरसात का पानी भर जाती है । ऊपर से गंडक नदी में आई बाढ का पानी भी जंगल में फैल जाता है। वही मदनपुर वन क्षेत्र के जंगलों में भी बाढ का पानी भर जाता है। जिससे जानवरों के पानी में फंसने की अधिक संभावना बनी रहती है। जिसे देखते हुए वन विभाग के द्वारा एक रेस्क्यू टीम का गठन किया गया है। टीम में शामिल युवकों को जानवरों को रेस्क्यू करने का प्रशिक्षण भी स्थानीय स्तर पर दिया गया है । जबकि बरसात के दिनों में लकड़ी चोरों पर नजर रखने के लिए अभी से मानसून गश्ती की भी तैयारी चल रही है।
बताया जाता है कि बरसात के दिनों में बाढ के पानी के सहारे लकड़ी चोर नाव से जंगल में प्रवेश कर लकडिय़ों की कटाई भी करते है । जिसे देखते हुए वीटीआर प्रशासन के द्वारा अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। सीएफ नेशामणिने बताया कि बरसात के दिनों में पानी में फंसे जानवरों को रेस्क्यू करने के लिए टीम का गठन कर लिया गया है । वैसे जानवर बरसात के मौसम में अपनी सुरक्षा कैसे करना है उन्हें पता होता है । उसके बाद भी उनकी सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है ।