सरकारी विद्यालय बंद रहने की अवधि में अब शिक्षक पहुंचेंगे बच्चों के घर, दरभंगा में शुरू हुई तैयारी
Darbhanga news डिजिटल डिवाइस से वंचित बच्चों के लिए डीईओ ने की व्यवस्था सरकार ने छठी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चो के लिए डीडी बिहार पर सुबह 9 बजे से 12 बजे तक शैक्षणिक प्रसारण करने का निर्णय लिया है।
दरभंगा, जासं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया है। फिलहाल 21 जनवरी तक विद्यालय बंद रहेंगे। उसके बाद कोरोना के संक्रमण के प्रसार की समीक्षा के बाद विद्यालय खोलने या बंद करने का निर्णय लिया जाएगा। लेकिन विद्यालय बंद रहने के कारण बच्चों के शिक्षण की निरंतरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए सरकार ने छठी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चो के लिए डीडी बिहार पर सुबह 9 बजे से 12 बजे तक शैक्षणिक प्रसारण करने का निर्णय लिया है। इसका प्रसारण 17 जनवरी से आरंभ हो जाएगा। इसके अलावा डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता वाले पहली से बारहवीं कक्षा तक के बच्चो के लिए ई-लॉटस तथा ई लाइब्रेरी पर भी पुस्तकें एवं ई-कंटेंट उपलब्ध कराए गए हैं ।
प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि कक्षा वार ऐसे बच्चो का व्हाट्एप ग्रुप बनाकर बच्चों की शिक्षा की निरंतरता को बनाए रखें, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित नहीं हो। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफोर्म जैसे जूम मीटिंग , गूगल मीट , माईक्रोसॉफ्ट टीम , फेसबुक पेज और यूट् यूट्यूब चैनल का उपयोग कर अपने अपने विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों को निरंतर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते रहें।
प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. संजय कुमार देव कन्हैया ने शनिवार को वैसे बच्चों के शिक्षण की निरंतरता को बनाए रखने के लिए सरकारी निर्देशानुसार ऐसी पहल की है कि जिनके पास डिजिटल सुविधा उपलब्ध नहीं है वैसे बच्चे भी विद्यालयों के बंदी के काल में पढऩे में जुटे रहें। उन्होंने बताया कि ऐसे गरीब और छोटे पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चे जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनको भी हमलोग विद्यालय के बंदी के काल में पढ़ाएंगे।
सरकार का भी ऐसा ही निर्देश है। इसके लिए पहली से पांचवीं कक्षा तक के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों से कहा जा रहा है कि गृह आधारित शिक्षण के लिए टोला भ्रमण पर निकलें । घर पर ही रहकर पढऩे वाले बच्चो से पूछे कि उनको पाठ पढने में कहीं कोई कठिनाई तो नहीं हो रही है । यदि कोई कठिनाई होती है तो बच्चे के घर पर ही उसे आवश्यक मार्गदर्शन दें । इस काम में टोला सेवक और तालीमी मरकज सेवक से भी सहयोग ले सकते हैं । प्रखंडों में तैनात हमारे केआरपी भी उनको पूरा सयोग करेंगे । उन्हें भी निर्देशित किया जा रहा है।