Move to Jagran APP

फर्जी प्रमाण पत्र पर 16 साल से शिक्षिका कर रही थी नौकरी, निगरानी जांच में सामने आया सच, शि‍वहर का मामला

Sheohar Newsनिगरानी अन्वेंषण ब्यूरों के पुलिस निरीक्षक सह सहायक जांच अधिकारी ने दर्ज कराई शिक्षिका व एक अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी। हिरम्मा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू किया अनुसंधान।वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में शिक्षिका ने प्रथम श्रेणी उत्तीर्णता का जमा किया था प्रमाण पत्र।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 04:24 PM (IST)
फर्जी प्रमाण पत्र पर 16 साल से शिक्षिका कर रही थी नौकरी, निगरानी जांच में सामने आया सच, शि‍वहर का मामला
ब‍िहार में फर्जी शि‍क्षकों पर चल रही जांच पड़ताल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

शिवहर, जासं। मैट्रिक की परीक्षा में शिक्षिका रही अनुपस्थित। लेकिन, जालसाजी कर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र बनवा लिया। इतना ही नहीं, इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर 16 साल से शिक्षिका के पद पर नौकरी भी करती रही। निगरानी जांच में पंचायत शिक्षिका का मैट्रिक का प्रमाण पत्र जाली पाए जाने के बाद निगरानी अन्वेंषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक सह सहायक जांच अधिकारी शिवहर राजेश कुमार ने हिरम्मा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें तरियानी प्रखंड की दुम्मा निवासी रामवरण भगत की पुत्री सह प्राथमिक विद्यालय बंकुल में पंचायत शिक्षिका के पद पर तैनात धर्मशीला व एक अज्ञात को आरोपित किया है।

loksabha election banner

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार धर्मशीला का नियोजन वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षिका के पद पर हुआ था। वह वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय बंकुल में तैनात है। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र की निगरानी जांच चल रही है। निगरानी जांच में पाया गया है कि, उक्त शिक्षिका द्वारा हाईकोर्ट के एमेनिस्ट पीरियड में त्याग पत्र नहीं दिया गया। जबकि, हाईकोर्ट के निर्दैश के आलोक में शिवहर जिले के लिए प्रतिनियुक्त निगरानी अन्वेंषण ब्यूरों के जांच अधिकारी सह अवर निरीक्षक राजेश कुमार ने तरियानी बीईओ द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर के आधार पर शिक्षिका के शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की। शिक्षिका द्वारा उपलब्ध कराए गए मैट्रिक के प्रमाण पत्र को सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना को भेजा गया था। जिसमें समिति ने शिक्षिका के प्रमाण पत्र को जाली करार दिया है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपने प्रतिवेदन में बताया हैं कि, शिक्षिका के प्रमाण पत्र में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से वर्ष 1990 में प्रथम श्रेणी से मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्णता का उल्लेख है। अंक पत्र के अनुसार शिक्षिका ने रौल कोड 5214 और रौल नंबर 833 के तहत 645 अंक प्राप्त किया है। जबकि, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रतिवेदन के अनुसार, धर्मशीला वर्ष 1990 की मैट्रिक परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी। बोर्ड ने प्रतिवेदन में धर्मशीला को परीक्षा से अनुपस्थित और उनके अंक पत्र को जाली करार दिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रतिवेदन के आधार पर निगरानी के जांच अधिकारी ने धर्मशीला पर अज्ञात के सहयोग से जालसाजी कर शिक्षिका की नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाया है। हिरम्मा थानाध्यक्ष कमलेश कुमार ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.