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मरम्मत के क्रम में दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय भवन के मूल स्वरूप से हो रहा छेड़छाड़

सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक हेरिटेज भवनों के जीर्णोद्धार के दौरान उसके मूल स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़खानी पर प्रतिबंध लगाया गया है। फिर भी संस्कृत विश्वविद्यालय के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के आरोप लगाए जा रहे हैं।

By Ajit kumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:42 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:42 AM (IST)
मरम्मत के क्रम में दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय भवन के मूल स्वरूप से हो रहा छेड़छाड़
जीर्णोद्धार कार्य लगभग नौ करोड़ रुपये से करवाया जा रहा है। फोटो : जागरण

दरभंगा, [प्रिंस कुमार]। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के जीर्णोद्धार कार्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हेरिटेज में शामिल संस्कृत विश्वविद्यालय भवन इन दिनों अपने मूल स्वरूप से खिलवाड़ होने का दंश झेल रहा है। सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक हेरिटेज भवनों के जीर्णोद्धार के दौरान उसके मूल स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़खानी पर प्रतिबंध लगाया गया है। फिर भी संस्कृत विश्वविद्यालय के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि संस्कृत विश्वविद्यालय के हेरिटेज भवन का जीर्णोद्धार कार्य लगभग नौ करोड़ रुपये से करवाया जा रहा है। इस बीच जीर्णोद्धार कार्य में अनियमितता सामने आ रही है। 

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जीर्णोद्धार में अनियमितता का मामला उठाया

रविवार को सीनेट की बैठक में भी सीनेट सदस्यों ने मुख्य रूप से विश्वविद्यालय मुख्य भवन के जीर्णोद्धार में अनियमितता का मामला उठाया। सीनेट सदस्य डॉ. सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्य भवन के जीर्णोद्धार कार्य में घोर अनियमितता बरती जा रही है। विश्वविद्यालय के इस हेरिटेज भवन के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। कहा कि मकराना मार्बल की जगह लोकल मार्बल लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कई अनियमितता बरते जा रहे हैं। कहा कि विश्वविद्यालय अविलंब इसपर संज्ञान ले, नहीं तो पूरे मामले को राजभवन तक उठाया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) से प्राप्त राशि से विश्वविद्यालय भवन का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय जीर्णोद्धार कार्य को लेकर कमेटी बनाई गई है। तीन सदस्यीय कमेटी और इंजीनियर से निर्माण कार्य को लेकर पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। अनियमितता संबंधित जानकारी की भी जांच की जा रही है।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी के समक्ष रखे गए मामले

- मुख्य भवन के जीर्णोद्धार में मानकों का अनुपालन नहीं हो रहा

- कार्य आदेश में वर्णित व दर्शाए गए स्तरों की अनदेखी की जा रही

- विश्वविद्यालय द्वारा निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग कराई जाए

- भवन की छत को उसकी क्षमता से अधिक किया जा रहा

- जीर्णोद्धार कार्य में मकराना का मार्बल लगाए जाने थे, लेकिन लोकल क्वालिटी के मार्बल लगाए जा रहे हैं

- ऐतिहासिक दरवाजे को काटा जा रहा

- महल की लकड़ियों को निर्माण कंपनी द्वारा मरम्मत कार्य में इस्तेमाल में लाया जा रहा

- विश्वविद्यालय की बिजली का संवेदक द्वारा उपयोग में लाया जा रहा

- बिना जांच-पड़ताल के संवेदक को एनओसी दे दी गई

- निर्माण कंपनी पर अनियमितता बरते के आरोप में कार्रवाई की जाए। 


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