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बालिका गृह कांड : ब्रजेश ठाकुर की अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज, सूची बनाने का निर्देश

ब्रजेश ठाकुर की चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में जिला प्रशासन ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 03:26 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 03:26 PM (IST)
बालिका गृह कांड : ब्रजेश ठाकुर की अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज, सूची बनाने का निर्देश
बालिका गृह कांड : ब्रजेश ठाकुर की अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज, सूची बनाने का निर्देश

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह यौन हिंसा के आरोपित ब्रजेश ठाकुर संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस क्रम में ब्रजेश की चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में जिला प्रशासन ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। अभी ब्रजेश ठाकुर के वाहनों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। इस दिशा में कर्मी जुट गए है। आने वाले दिनों में ब्रजेश के वाहनों को जब्त करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संपत्तियों को जब्त करने की दिशा में जिला अवर निबंधक सह रिसीवर संजय कुमार ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।

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   उन्होंने डीटीओ से ब्रजेश ठाकुर के वाहनों की सूची बनाकर देने को कहा है। इसके साथ ही अंचलाधिकारी को उसके सभी मकान, जमीन व अन्य अचल संपत्तियों की पहचान कर सूची बनाने को कहा गया है। अवर निबंधक सह रिसीवर ने कहा है कि सूची बनने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

सेवा कुटीर में भिक्षुकों से किया जाता था अमानवीय व्यवहार

सेवा कुटीर में रहनेवाले भिक्षुकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। उनसे मारपीट की जाती थी। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई की कोशिश टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आने के बाद बैरिया में ओम साईं फाउंडेशन द्वारा संचालित सेवा कुटीर को आठ अगस्त को बंद कर दिया गया था। यहां रहनेवाले 33 भिक्षुकों को पटना भेज दिया गया था। इस दौरान एसडीओ पश्चिम डॉ. कुंदन कुमार, प्रभारी सहायक निदेशक ललिता कुमारी व पटना से आई दो सदस्यीय टीम के सामने संस्था के कर्मियों द्वारा बार-बार सफाई दी गई थी। टिस की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया गया था। 

अहियापुर थाने में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

समाज कल्याण विभाग के निदेशक के आदेश पर संस्था के खिलाफ अहियापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके साथ ही संस्था का अनुबंध भी रद कर दिया गया था। ओम साईं फाउंडेशन 2015 से ही सेवा कुटीर का संचालन कर रहा था।

ऑडिट के समय थे करीब 50 भिक्षुक

टिस की टीम द्वारा की गई सोशल ऑडिट के समय यहां करीब 50 भिक्षुक रह रहे थे। संस्था द्वारा भिक्षुकों के स्थानांतरण पर आपत्ति जताई गई थी। टीम को बताया गया था कि टिस की रिपोर्ट के विरोध में संस्था द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गई है।  


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