रसोई गैस : तौल के बाद ही लें गैस सिलेंडर, वजन कम होने पर यहां करें शिकायत
अधिकांश एजेंसियां उपभोक्ताओं को तौल कर नहीं देतीं सिलेंडर।विभागीय अधिकारी भी नहीं करते औचक जांच जिसका फायदा उठाते एजेंसी संचालक व वेंडर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। घर पर रसोई गैस सिलेंडर लेकर वेंडर आए तो सबसे पहले उसकी तौल कराएं। अगर वजन कम हो तो शिकायत करें। अगर वेंडर सिलेंडर तौलने में आनाकानी करता है तो फौरन एजेंसी संचालक व संबंधित अधिकारी से शिकायत करें। आप पूरी राशि देकर सिलेंडर प्राप्त करते है। इसलिए वजन भी पूरा लेना आपका अधिकार है।
जिले में करीब एक दर्जन गैस एजेंसियां हैं। अगर उपभोक्ताओं को प्रत्येक सिलेंडर एक या दो किलो गैस कम वजन में दिया जाता है तो एजेंसियों को औसतन लाखों में अवैध कमाई होती है। उपभोक्ताओं को तो गैस की मात्रा कम होने का पता तब चलता है, जब उनकी रसोई में समय से पहले गैस खत्म हो जाता है। तब उन्हें ठगे जाने का अहसास होता है। दूसरी ओर बहुत कम वेंडर ऐसे हैं जो कांटा तराजू से वजन कर उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर देते हैं। बता दें कि संबंधित विभागीय अधिकारी भी कभी इसकी औचक जांच नहीं करते हैं। जिसका फायदा संचालक व वेंडर उठाते हैं।
ऐसे जानें सिलेंडर का वजन
सिलेंडर में भरी हुई गैस की मात्रा 14.200 किलो होनी चाहिए। खाली सिलेंडर का वजन 15 से 16.500 किलो तक होता है जो कि सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में लिखा होता है। उदाहरण के तौर पर बता दें कि खाली सिलेंडर का वजन अगर 15 किलो है तो भरे हुए सिलेंडर का वजन 29. 200 किलो होगा। सिलेंडर का वजन इससे कम हुआ तो संबंधित विभाग में शिकायत करें।
अधिकार से कराएं तौल
वेंडर से सिलेंडर लेते वक्त तौल कराना आपका अधिकार है। पूरे अधिकार से वेंडर से कह सकते हैं कि सिलेंडर का वजन तौलकर बताएं। यदि वेंडर ऐसा नहीं करें तो आप इसकी शिकायत गैस एजेंसी संचालक, आपूर्ति पदाधिकारी या उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं।
रिफिलिंग कर कालाबाजारी में बेचे जाते सिलेंडर
कई इलाकों में अवैध रूप से रसोई गैस सिलेंडर की रिफिलिंग होती है। सूत्रों की मानें तो सिलेंडरों से कुछ मात्रा में गैस निकालकर नया भरा सिलेंडर तैयार कर उसे कालाबाजारी में बेचा जाता है।
वेंडर तौल कर नहीं देते सिलेंडर
मिठनपुरा इलाके की प्रियंका देवी कहती हैं कि वेंडर उन्हें कभी भी वजन कर सिलेंडर नहीं देते। कहने पर जवाब मिलता है कि कांटा तराजू नहीं है। अघोरिया बाजार की सपना सिंह कहतीं हैं कि वजन कर सिलेंडर मांगने की बात पर वेंडर गुस्सा करते हैं। दामूचक की कविता बताती हैं कि निर्धारित दर से अधिक कीमत भी वसूली जाती है और भरे सिलेंडर का वजन भी कम होता है। मनियारी की रेखा देवी भी कहती हैं कि वेंडर कभी भी तौलकर सिलेंडर नहीं देते। जिला आपूर्ति पदाधिकारी महमूद आलम ने कहा कि गैस एजेंसी संचालकों को सही वजन कर सिलेंडर देने का निर्देश है। अगर उपभोक्ता कम वजन देने की शिकायत करें तो संबंधित एजेंसी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।