इंजीनिय¨रग कॉलेजों के इस ब्रांच का बदलेगा सिलेबस, पांच से दस फीसदी बदलाव होने की संभावना
इंजीनिय¨रग कॉलेजों के सिविल ब्रांच का सिलेबस में बदलाव होगा।
मुजफ्फरपुर। इंजीनिय¨रग कॉलेजों के सिविल ब्रांच का सिलेबस में बदलाव होगा। पांच से दस फीसद बदलाव होने की संभावना है। एमआइटी को सिलेबस तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। प्राचार्य डॉ. जेएन झा की अध्यक्षता में सभी सिविल ब्रांच के प्रोफेसर के साथ कार्यशाला हुई। यह बात सामने आई कि पांच से दस फीसद बदलाव किया जाए। एआईसीटीई की ओर से बनाए गए सिलेबस में बिहार के परिवेश के अनुसार पाच से दस फीसदी तक बदलाव जरुरी है। प्रयास यह किया जा रहा कि इस साल नामाकित छात्रों को नए सिलेबस से पढ़ाई जाए। नए सिलेबस बनने के बाद विवि को भेज दिया जाएगा। विवि की मुहर लगने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। कार्यशाला का उद्घाटन विशेषज्ञ डॉ. एके चौधरी व राष्ट्रीय प्रौद्यौगिकी संस्थान जमशेदपुर के डॉ. वीरेन्द्र कुमार, डॉ. सुनीता कुमारी , राष्ट्रीय प्रौद्यौगिकी संस्थान पटना के डॉ. एसके सुमन, डॉ. एके सिंह, प्रो. सीबी राय ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. विजय कुमार, डॉ. आकाश प्रिर्यदर्शी ने मॉडल सिलेबस को बेहतर करने पर विचार रखे। देश में उच्च शिक्षा की स्थिति खराब : कुलपति
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि देश में उच्च शिक्षा की स्थिति खराब है। दिन प्रतिदिन उच्च शिक्षा की स्थिति खराब हो रही है। उक्त बातें डॉ. जगन्नाथ मिश्र कॉलेज में शनिवार को बॉटनी विभाग की ओर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बजट का दस प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च होनी चाहिए। सेमिनार का विषय रीसेंट एडवासमेंट इन लाइफ साइंसेज था। पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि महाविद्यालय लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। शोध से लेकर अन्य शैक्षणिक कार्य हो रहे है। 72 शोधार्थियों ने शोध पत्रिका प्रस्तुत किए। डॉ आरपी उपाध्याय ने जीव विज्ञान में हो रहे शोध व उसके महत्व पर प्रकाश डाला। मौके पर डॉ केके चौधरी, एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ ओम प्रकाश राय, डॉ विनोद कुमार चौधरी आदि मौजूद थे। सेमिनार में पटना, लखनऊ, भागलपुर, कोलकाता, मध्यप्रदेश से आए छात्रों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।