स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के लिए मधुबनी जिले के 41 ग्राम पंचायत चयनित
Swachh Bharat Mission प्रथम चरण में ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायतों को स्थायित्व प्रदान करने की कोशिश। पंचायतों के बैंक खाता एवं कार्ययोजना को प्रखंड से अनुमोदन कराकर 29 जनवरी तक जिला को भेजने का निर्देश जारी किया गया।
मधुबनी,जासं। जिले में स्वच्छ भारत मिशन का फेज-दो शुरू हो गया है। इसके तहत जिले के 41 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इस कड़ी में डीआरडीए सभागार में डीडीसी सह जिला एवं स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष विशाल राज की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 का प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। डीडीसी ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी सह जिला जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी सह प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई के सदस्य एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 के लक्षित ग्राम पंचायत के मुखिया को संबोधित किया। डीडीसी ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रथम चरण में सभी को शौचालय की सुलभता उपलब्ध कराते हुए ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त स्वघोषित किया गया था।
द्वितीय चरण में प्रथम चरण के दौरान खुले में शौच से मुक्त स्वघोषित किए गए ग्राम पंचायतों को स्थायित्व प्रदान किया जाना है। स्थायित्व के लिए प्रथम चरण के दौरान छूटे हुए परिवार एवं नए परिवार को शौचालय की सुलभता उपलब्ध कराते हुए चरणबद्ध तरीके से ओडीएफ प्लस का निर्माण किया जाना है। सक्षम बिहार-स्वावलंबी बिहार, सात निश्चय योजना के अंतर्गत स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार किया जाना है। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी के लिए कार्यशाला द्वारा क्षमतावर्द्धन किया जा रहा है। सभी को एक टीम के रूप में कार्य करते हुए लक्षित ग्राम पंचायत को ओडीएफ प्लस बनाना है। कार्यशाला में डीआरडीए निदेशक डा. राजेश्वर प्रसाद, डीसी संजीव कुमार, जिला सलाहकार रंजीत कुमार, अमृता कुमारी, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।
मिशन इंद्रधनुष सात मार्च से
जासं, मुजफ्फरपुर : जिले में सात मार्च से मिशन इंद्रधनुष चलाया जाएगा। इसके लिए प्रतिरक्षण कार्यालय के कर्मचारियों को राज्य मुख्यालय से आनलाइन ट्रेङ्क्षनग दी गई। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एके पांडेय ने बताया कि मार्च से हर महीने सात दिन यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके तहत कोरोना के कारण जिन इलाकों में बच्चे नियमित टीकाकरण से छूट गए हैं, उन्हें टीका दिया जाएगा। एक भी बच्चा टीकाकरण कार्यक्रम से वंचित नहीं किया जाए। जिन इलाकों में टीकाकरण कम हुआ है, उन्हें चिह्नित कर टीकाकरण का कार्यक्रम तैयार किया जाए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डाटा सहायक लवली कुमारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राजकिरण मौजूद रहे।