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निलंबित विवि कर्मचारी पर प्राथमिकी से नाराजगी,धरना जारी

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कर्मचारी शनिवार से कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:30 PM (IST)
निलंबित विवि कर्मचारी पर प्राथमिकी से नाराजगी,धरना जारी
निलंबित विवि कर्मचारी पर प्राथमिकी से नाराजगी,धरना जारी

मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कर्मचारी शनिवार से कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वे कामकाज ठप कर आंदोलन पर रहे। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ ने कहा है कि यहां रजिस्ट्रार की मनमानी नहीं चलने देंगे। संघ ने सलाह दी है कि विश्वविद्यालय अपने कायदा-कानून से चलता है, वे फौज की तरह चलाना चाहते। इधर, चार दिनों से विश्वविद्यालय में कामकाज ठप पड़े रहने से विश्वविद्यालय छात्रसंघ आक्रोशित हो गया। छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर कहा कि बुधवार से तमाम छात्र अनशन पर बैठ जाएंगे और तब तक उनका अनशन जारी रहेगा, जब तक कामकाज नियमित नहीं हो जाता। विवि अध्यक्ष के इस फैसले से एक तरह से टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि, छात्रसंघ का कहना है कि कर्मचारी दोषी हैं या नहीं, उससे उनका लेना देना नहीं है। यह विश्वविद्यालय का आंतरिक मामला है, मगर दफ्तर खुले और विद्यार्थियों का कामकाज कैसे हो, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए।

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गौरतलब है कि टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) में टेंप¨रग के आरोपों में परीक्षा विभाग के सहायक रंजन कुमार निलंबित किए गए हैं और उनपर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इससे कर्मचारी आक्रोश में हैं। उनका कहना है कि अभी जांच चल ही रही थी और अंतरिम रिपोर्ट पर ही कर्मचारी को दोषी मान लिया गया। उसेनिलंबित तो किया ही गया, प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई। कर्मचारियों ने इसे एकतरफा कार्रवाई करार देते हुए सात सितंबर को भी कार्य बहिष्कार किया था। इनके आंदोलन के कारण दूर-दराज से आए छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावकों को बैरंग लौटना पड़ रहा। 20 को वार्ता का बुलावा नामंजूर

संघ के अध्यक्ष रामकुमार, उपाध्यक्ष सुरेश राय, सचिव कुंदन कुमार, कोषाध्यक्ष विक्रम कुमार, संयुक्त सचिव विजय प्रताप सिंह, सहायक सचिव अभय शंकर सिंह का कहना है कि प्रशासन का फर्ज बनता है किस कर्मचारी से कैसे काम लेना है, उसको अपनी सोच होनी चाहिए। लेकिन, रजिस्ट्रार के आने के बाद इस सोच में कमी आ गई है। रजिस्ट्रार ने वार्ता के लिए बुलाकर 14 अगस्त तक के लिए मोहलत मांगी थी। आश्वासन के बावजूद न्याय के लिए कुछ नहीं हो सका। अब कहना है कि कुलपति व रजिस्ट्रार कोई मुख्यालय में नहीं है। 20 को आइए वार्ता होगी, तो प्रशासन की बात हम लोग तभी मानेंगे, जब वह इस बात का लिखित आश्वासन देगा। ये है मामला

आरोपित कर्मचारी रंजन कुमार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ का पूर्व उपाध्यक्ष भी रहा है। वर्ष 2016 में स्नातक पार्ट-टू की परीक्षा में टेबुलेशन रजिस्टर में छेड़छाड़ कर छात्रों को फेल पास कराए जाने का आरोप है। ऐसे नौ से अधिक मामले पकड़ में आए हैं। इसी शिकायत पर विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी बनाई। उसकी अंतरिम रिपोर्ट पर आरोपित कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया।


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