पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड में आरोपित सुशील छापडिय़ा को हाईकोर्ट से मिली जमानत Muzaffarpur News
जमीन के सौदे में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था सुशील छापडिय़ा। पूछताछ में पुलिस के समक्ष खोला था पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड का राज।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड में बनाए गए पहले आरोपित सुशील छापडिय़ा को हाईकोर्ट से जमानत दे दी है। पुलिस के समक्ष दिए गए उसी के बयान से इस हत्याकांड पर पर्दा उठा था। इसके बाद ही छह अन्य आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले दो अन्य आरोपितों कुमार रणंजय ओमकार व मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह को भी हाईकोर्ट से जमानत मिली है। फिलहाल चार आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। इसमें श्यामनंदन मिश्रा, गोविंद कुमार, सुजीत कुमार व नवीन कुमार शामिल है।
सुशील ने पूर्व मेयर हत्यकांड का खोला था राज
पानी टंकी चौक मोहल्ला निवासी पवन लोहिया से एक जमीन के सौदे में लगभग 98 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सुशील छापडिय़ा को पुलिस ने पिछले साल 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में उसने पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड का राज खोल दिया था। उसी ने इस घटना में श्यामनंदन मिश्र, शूटर गोविंद व सुजीत की संलिप्तता की बात पुलिस को बतायी थी। इसके बाद ही पुलिस ने सुशील को पूर्व मेयर हत्याकांड में उसे पिछले साल 31 अक्टूबर को न्यायिक रिमांड पर लिया था।
ब्लाइंड केस में मिला था अहम सुराग
सुशील छापडिय़ा के बयान ने ही ब्लाइंड माने जा रहे पूर्व मेयर हत्याकांड में पुलिस को अहम सुराग मिला था। उसी के बयान के आधार पर जब पुलिस जांच को आगे बढ़ाई तो मामले की एक-एक परत खुलती गई। पुलिस ने इन सात आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया। फिलहाल यह मामला जिला जज के कोर्ट में सभी के खिलाफ आरोप गठन की कार्रवाई के लिए सुनवाई की जानी है। पिछले दिनों एक आरोपित पिंटू सिंह के आरोप मुक्त करने की अर्जी जिला जज के कोर्ट ने खारिज कर दी। आरोप गठन की कार्रवाई पूरी होने के बाद आरोपितों के खिलाफ जिला जज के कोर्ट में सत्र-विचारण चलाया जाएगा।
यह है मामला
पिछले साल 23 सितंबर की शाम नगर थाने के चंदवारा नवाब रोड में पूर्व मेयर समीर कुमार एवं उनके कार चालक रोहित कुमार को बाइक सवार अपराधियों ने एके-47 से भून दिया था। वे अखाड़ाघाट रोड स्थित होटल से मिठनपुरा स्थित अपने घर जा रहे थे। तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष मो.सुजाउद्दीन के बयान पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज की गई थी।