मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय में निगरानी का छापा, 49 हजार रुपये जब्त Muzaffarpur News
अवर निबंधक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई छापेमारी। निगरानी डीएसपी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम ने तीन घंटे तक की कार्रवाई जब्त नकदी का नहीं मिला हिसाब।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। समाहरणालय परिसर स्थित निबंधन कार्यालय में शनिवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना की टीम ने औचक छापेमारी की। छापेमारी यहां के अवर निरीक्षक के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई। टीम के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। अवर निबंधक संजय कुमार ग्वालिया समेत अन्य अधिकारी व कर्मियों से पूछताछ की गई। इस दौरान दफ्तर के संबंधित कमरों को बंद रखा गया। कार्रवाई डीएसपी वीके शर्मा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम ने की।
बताते हैं कि दो दर्जन से अधिक फाइलों को खंगाला गया। एक-एक कर कार्यालय के सभी कक्षों की तलाशी ली गई। इस दौरान एक कमरे में रखे पुराने आलमीरा से 49 हजार दो सौ रुपये बरामद किए गए। उक्त राशि के बारे में पूछने पर किसी ने कोई ठोस जबाव नहीं दिया। इसका वाउचर भी नहीं दिखाया गया। अधिकारियों ने इसे जब्त कर लिया। लगभग तीन घंटे तक चली कार्रवाई के बाद टीम वहां से लौट गई।
अवर निबंधक पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
निगरानी डीएसपी ने बताया कि अवर निबंधक पर आय से अधिक संपत्ति का मामला निगरानी थाना में दर्ज कराया गया था। इसी आधार पर टीम ने पहुंचकर कार्रवाई की। अवर निबंधक से कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई। लेनदेन के संबंध में जानकारी ली गई। इससे जुड़ी सभी फाइलों को देखा गया।
रिकॉर्ड रूम में रखा था कैश
छापेमारी के दौरान टीम के हाथ जो नकदी लगी है, वह नए रिकार्ड रूम के पुराने आलमीरा में रखा हुआ था। लेकिन यह किसने रखा और कहां से आया, इसके बारे में कोई जानकारी टीम को नहीं दी गई। टीम यह जानने की कोशिश कर रही है उक्त कैश को वहां छुपाने में किसकी मिलीभगत थी।
हर कोई जानने को था बेचैन
कर्मियों से लेकर कातिबों तक में बेचैनी बनी रही। जमीन संबंधी काम से यहां आए लोग इस कार्रवाई को लेकर उत्सुक रहे। टीम के पहुंचते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। टीम ने सबसे पहले कार्यालय को बंद कर दिया। इस दौरान किसी भी कर्मी को बाहर नहीं निकले दिया। सुरक्षा को लेकर काफी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती रही।
जिला निबंधन कार्यालय पर भ्रष्टाचार का लगता रहा आरोप
जिला अवर निबंधन कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। यहां की कुव्यवस्था की वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है। बताया जाता है कि कार्यालय पूरी तरह से बिचौलियों के कब्जे में है। जमीन संबंधी काम में रुपये की मनमानी उगाही होती है।