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झोलाछाप ने गर्भाशय के नाम पर निकाली दोनों किडनी: डॉक्टरों से उठा सुनीता का विश्वास, झाड़-फूंक कराने गई घर

सिस्टम की अनदेखी से झोलाछाप के चंगुल में फंसकर दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता और उसके परिवार का सरकारी इलाज से भरोसा उठ गया है। हास्पिटल (एसकेएमसीएच) में भर्ती सुनीता के चेचक निकलने पर पति अकलूराम ने इलाज न किए जाने का आरोप लगाते हुए झाड़-फूंक का सहारा लिया ।

By Amrendra TiwariEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Sun, 05 Feb 2023 10:17 AM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 10:17 AM (IST)
झोलाछाप ने गर्भाशय के नाम पर निकाली दोनों किडनी: डॉक्टरों से उठा सुनीता का विश्वास, झाड़-फूंक कराने गई घर
पति ने इलाज न किए जाने का आरोप लगाते हुए झाड़-फूंक का सहारा लिया।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सिस्टम की अनदेखी से झोलाछाप के चंगुल में फंसकर दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता और उसके परिवार का सरकारी इलाज से भरोसा उठ गया है। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (एसकेएमसीएच) में भर्ती सुनीता के चेचक निकलने पर पति अकलूराम ने इलाज न किए जाने का आरोप लगाते हुए पहले अस्पताल में ही झाड़-फूंक का सहारा लिया फिर शनिवार को उन्हें लेकर गांव चले गए।हालांकि, अस्पताल प्रबंधक ने पीड़िता को ले जाने के लिए मना कर दिया। इसके बाद भी पति उसे लेकर वहां से चला गया।

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वहीं, पति अकूल राम ने कहा कि चिकन पॉक्स यहां के इलाज से ठीक नहीं होगा। सोमवार को दोबारा आकर इलाज कराएंगे। पति ने बताया कि घरवाले किडनी देने के लिए तैयार हैं, लेकिन नहीं ली जा रही है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर लचर स्वास्थ्य सुविधा की पोल खोल दी है।

पहले लगाई गुहार, बाद में लेकर चले गए

एसकेएमसीएच में भर्ती सुनीता के स्वजन अस्पताल से छुट्टी लेने के लिए अस्पताल अधीक्षक के पास गए। छुट्टी देने से इन्कार करने के बाद भी वह स्वजन के साथ घर चली गई। पिछले तीन दिनों से सुनीता की हालत में उतार-चढ़ाव जारी रहा। सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता था। घर जाने से पहले उसकी डायलिसिस कराया गया। अकलू राम ने बताया कि चिकनपॉक्स के पूजन के कारण उसे घर ले जा रहे हैं। सोमवार को फिर अस्पताल ले आएंगे।

उधर, अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा.सतीश कुमार ने बताया कि सुनीता अपनी मर्जी से घर गई है। उसको मना किया गया, लेकिन स्वजन उसे घर ले गए हैं। इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दी गई है। किडनी बदलने के सवाल पर कहा कि इसके लिए मुख्यालय से संपर्क किया जा रहा है। बताया कि मरीज अपने रिस्क पर गया है। यहां से अपनी मर्जी से जाने पर पुलिस को सूचना दी गई है।

ये है पूरा मामला 

सकरा के बाजी निवासी सुनीता बरियारपुर के शुभकांत क्लीनिक में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी। चिकित्सक ने कहा कि उसका यूट्रस खराब हो गया है, ऑपरेशन करना पड़ेगा। परिवारवालों ने उसे भर्ती करा दिया। पिछले साल तीन सितंबर को ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई। इस पर पांच सितंबर को स्वजन उसे पटना के पीएमसीएच ले गए। वहां जांच में पता चला कि उसकी दोनों किडनियां नहीं हैं, साथ ही इलाज करने से मना करने पर स्वजन उसे घर ले आए।

इसके बाद फिर उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद से एसकेएमसीएच में उसका इलाज चल रहा है। क्लीनिक संचालक पवन के खिलाफ ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पवन को जेल भेजा गया है। पुलिस जांच चल रही है।


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