मुजफ्फरपुर में पैक्स उम्मीदवार का नामांकन रद नहीं होने पर आत्मदाह का प्रयास Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड की घटना। उम्मीदवार महावीर सिंह का नामांकन रद नहीं किए जाने पर शैलेंद्र कुमार सुमन ने प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर किया आत्मदाह का प्रयास।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मड़वन प्रखंड की भटौना पंचायत के पैक्स उम्मीदवार महावीर सिंह का नामांकन रद नहीं किए जाने से नाराज बोरवारा निवासी शैलेंद्र कुमार सुमन ने प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान उसने अपने पूरे शरीर पर केरोसिन उड़ेल माचिस की तीली जलाने का प्रयास किया, मगर अंचल गार्ड ने मुस्तैदी से तीली बुझा कर सलाई छीन ली।
इसके बाद आक्रोशित युवक के समर्थकों सहित एक अन्य उम्मीदवार परशुराम झा के साथ प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान लोगों ने बीडीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप था कि उक्त उम्मीदवार निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष हैं। इनके खिलाफ पैक्स से संबंधित करजा थाने के एक मामले में न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया है।
इस स्थिति में पैक्स निर्वाचन नियमावली के अनुसार वे चुनाव नहीं लड़ सकते। इसके बावजूद बीडीओ ने उनका नामांकन रद नहीं किया, जबकि इससे संबंधित आपत्ति दर्ज करा दी गई थी। बीडीओ का कहना था कि संबंधित मामला पैक्स जनवितरण से संबंधित है। मामले को लेकर प्रखंड कार्यालय परिसर व आसपास शाम 4.00 बजे से ही काफी गहमागहमी रही। कई बार अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, मगर वे नहीं माने।
इसी बीच शाम 5 बजे उक्त युवक अपने समर्थकों के साथ कार्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंच गया व अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की जिसे अंचल गार्ड द्वारा विफल कर दिया गया। उसके बाद सभी लोग धरने पर बैठ नारेबाजी करने लगे। इस बीच प्रखंड कार्यालय पहुंचे वरीय उप समाहर्ता ब्रजभूषण ने भी लोगों को समझाने का प्रयास किया, मगर लोग अपनी मांग पर अड़े रहे।
बाद में लगभग साढ़े तीन घंटे के बाद अरशद रजा खान द्वारा संबंधित मामले को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजकर मार्गदर्शन मांगने की चि_ी देने व मार्गदर्शन आने के बाद अग्रेतर कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद लोगो ने धरना समाप्त कर दिया। इस दौरान 8.30 बजे तक बीडीओ, सीओ मृत्युंजय कुमार बीसीओ कक्ष में ही बंधक बने रहे। हालांकि बीडीओ का कहना था कि वे देर शाम तक कार्यालय में काम करते हैं, बंधक नहीं बनाए गए थे।