Muzaffarpur BJP: पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा की सम्मान समारोह से दूरी ने विरोध की आग को दी हवा
Muzaffarpur BJP बुधवार को पार्टी की ओर से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान यह बात पूरी तरह से दुनिया के सामने आ गई कि सबकुछ सही नहीं चल रहा है। यूं तो यह बात पहले भी उस समय प्रकट हो गई थी जब सुरेश कुमार शर्मा ने आरोप लगाए थे।
मुजफ्फरपुर, जासं। Muzaffarpur BJP: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 संपन्न हुए दो माह पूरे होने को हैंं। लेकिन, उस दौरान मुजफ्फरपुर भाजपा में जो आग लगी थी, अब वह सतह पर आ गई है। बुधवार को पार्टी की ओर से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान यह बात पूरी तरह से दुनिया के सामने आ गई कि सबकुछ सही नहीं चल रहा है। यूं तो यह बात एक बार पहले भी उस समय प्रकट हो गई थी जब पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने जिला भाजपा के लिए कहा था, कांग्रेस बनती जा रही भाजपा।
वरीय नेताओं की अनुपस्थिति से हैरानी
दरअसल, दल के नवनिर्वाचित विधायकों, मंत्री व सांसद का बुधवार को पार्टी की ओर से अभिनंदन किया गया था। इसका आयोजन जिलाध्यक्ष रंजन कुमार की अध्यक्षता में होटल पार्क के सभागार में किया गया था। अगर, उस दिन की तस्वीर आपको याद हो तो उसमें राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार और कानून मंत्री रामसूरत राय, सांसद अजय निषाद, जिलाध्यक्ष रंजन कुमार व बरूराज विधायक अरुण कुमार सिंह नजर आ रहे थे। जबकि सभा में पूर्व बोचहां विधायक बेबी कुमारी की उपस्थिति थी। लेकिन, पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, कुढ़नी के पूर्व विधायक केदार गुप्ता व मुजफ्फरपुर शहर के छह मंडल के अध्यक्षों में से चार शामिल नहीं हो सके। समारोह में पारू विधायक अशोक सिंह की भी गैरमौजूदगी ने प्रेक्षकों को हैरान किया। जबकि उन्होंने लगातार चौथी बार सफलता हासिल की है।
पूर्व मंत्री की राहें होती जा रहीं जुदा
वरीय भाजपा नेता और मंत्री सुुरेश शर्मा चुनाव में हार के बाद से अगल अंदाज में नजर आ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने भाजपा जिला संगठन पर कांग्रेस कल्चर हावी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने सम्मान समारोह से दूरी भी बना ली। जबकि उन्हें आमंत्रित किया गया था। उनके करीबी रहे कुढ़नी के पूर्व विधायक केदार गुप्ता भी उसी रास्ते पर आगे बढ़़ रहे हैं।
मतभेद को भूलने पर दिया गया बल
इस बारे में पार्टी के जिला प्रवक्ता के बताया कि सभी को आमंत्रण भेजा गया था। अधिकांश इसमें उपस्थित भी हुए। कुछ नहीं आए। मगर, कुछ अनुपस्थिति ने दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि पार्टी के अंदर विरोध की आग है। हालांकि केदार गुप्ता कहते हैं, सम्मान जीते हुए उम्मीदवारों का था। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है।
हालांकि सम्मान समारोह में मौजूद सभी नेताओं का यही मानना था कि अब मतभेदों को भूलकर आगे की सुध लेनी चाहिए।