Coronavirus: Muzaffarpur Lockdown update : दिल्ली और अन्य जगहों में फंसे लोगों की इस तरह की जा रही मदद
Coronavirus Muzaffarpur Lockdown update भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता शशि रंजन सोशल मीडिया के जरिये बिहार के लोगों को राशन व घर वापसी की व्यवस्था करा रहे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में अपने घर पर ही रहकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता शशि रंजन सोशल मीडिया के जरिये दिल्ली व अन्य जगहों पर फंसे बिहार के लोगों को राशन व घर वापसी की व्यवस्था करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सांसद मीनाक्षी लेखी की मदद से दिल्ली संगम विहार में मुजफ्फरपुर के 28 लोगों को 14 दिनों का अनाज मिला।
राशन की समस्या दूर की
जूरन छपरा के पंकज राजस्थान के झल्लागढ़ इलाज को गए थे। आलोक गुर्जर जिलाध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा झल्लागढ़ की मदद से उनको वहां की व्यवस्था हुई है। बिहार के तीन लोग भोपाल में थे। राशन की समस्या भाजपा नेता कल्पेश ठाकुर की मदद से दूर हुई है।
प्रशासन की मदद से राशन दिलाया
सीतामढ़ी के 25 लोग हरियाणा गुरुग्राम में फंसे थे। सोाशल साइट पर इसकी सूचना मिली तो उन्होंने आइपीएस अधिकारी पंकज नयन से बातचीत की। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की मदद से राशन दिलाया है। भाजपा नेता शशिरंजन ने बताया कि वह हर दिन बाहर में फंसे लोगों की मदद करा रहे हैं।
पटना व किशनगंज से पैदल चलकर पहुंचे परदेसी
कोरोना वायरस से बचाव को किए गए लॉकडाउन के बाद 24 से लेकर 29 मार्च तक पहुंचे 908 लोगों की जांच सकरा रेफरल अस्पताल में हुई। इनमें कुछ मजदूर पटना व किशनगंज से पैदल चलकर अपने गांव पहुंचे थे। अस्पताल में जांच के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था तक नहीं।
चिकित्सकों ने उनसे सिर्फ कोरोना से संबंधित लक्षण की पूछताछ कर उन्हें गांव भेज दिया। कोलकाता से करीब 25 लोग बस से 48 घंटे में घर पहुंचे। बोर्डर इलाकों पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग हुई। बावजूद सकरा अस्पताल में जांच कराने के लिए पहुंचे। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि थाना क्षेत्र के मारकन, पिपरी ,सुजावलपुर व ढोली बाजार में पुलिस कैंप लगाए गए हैं जहां से गुजरने वाली गाडिय़ों की जांच की जाती है।
आश्रय स्थल खोले गए
वहीं, वाहन पर आने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच भी कराती है। प्रखंड की 28 पंचायतों में 56 विद्यालयों में आश्रय स्थल खोले गए हैं। विद्यालय के एचएम व रसोइया को प्रतिनियुक्त किया गया है, परंतु किसी तरह की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। बाहर से आने वाले लोगों को यहां नहीं रखा जाता, बल्कि अस्पताल मे जांच के बाद घर भेज दिया जा रहा है।