सर्टिफिकेट्स चाहिए तो पेमेंट के लिए लगने वाली लाइन से मत घबराएं, अपनाएं ये प्रक्रिया
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र लेने के लिए अब ऑनलाइन फीस जमा करने की सुविधा मिल गई है।
By Edited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 02:28 PM (IST)
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र लेने के लिए अब ऑनलाइन फीस जमा करने की सुविधा मिल गई है। इससे उन्हें विश्वविद्यालय से लेकर बैंक तक लंबी कतार में लगने के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ.ओपी रमण ने बताया कि प्रमाणपत्र, प्रोविजनल, माइग्रेशन, डुप्लीकेट सहित तमाम तरह के सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन राशि जमा करने की सुविधा प्रदान कर दी गई है।
घर बैठे जमा करें निर्धारित राशि
विश्वविद्यालय के पोर्टल को एसबीआइ से जोड़ दिया गया है। इससे विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। यह सुविधा ऑफलाइन भी बहाल रहेगी। ऑनलाइन के जरिए छात्र घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से तमाम तरह के सर्टिफिकेट्स की निर्धारित राशि जमा कर सकेंगे। इसको लेकर विवि प्रशासन व एसबीआइ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई। मौके पर एसबीआइ के डीजीएम नवल किशोर मिश्रा, रीजनल मैनेजर कुंदन ज्योति, मनौव्वर रजा के अलावा कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव, रजिस्ट्रार अजय कुमार राय, एफओ आरडी सिंह, रविभूषण प्रसाद सिंह के अलावा वित्त विभाग व परीक्षा विभाग के तमाम कर्मचारी मौजूद थे। टेबल-दर-टेबल नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
इससे पहले उन प्रमाणपत्रों के लिए विद्यार्थियों को टेबल-दर-टेबल दौड़ना पड़ता था। विवि में कतार में घटों खड़ा होने के बाद चालान जमा करते या बैंक में लाइन में लगना पड़ता। नई सुविधा से छात्रों का आर्थिक शोषण भी नहीं हो सकेगा। यह पूरी कवायद विवि के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया के तहत चल रही है।
फीस बढ़ोतरी का किया विरोध
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में की गई फीस बढ़ोतरी का विरोध किया है। प्रति कुलपति डॉ. आरके मंडल से मुलाकात कर अभाविप ने कहा कि फीस बढ़ाने से पहले विद्यार्थियों को सुविधा भी दी जाए। परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक केसरी नंदन शर्मा ने कहा कि बढ़ोत्तरी का फैसला वापस नहीं लिया गया तो आदोलन होगा। प्रति कुलपति ने बताया कि फिलहाल पुरानी फीस ही विद्यार्थियों से ली जाएगी। फाइनेंस कमेटी के बैठक के बाद इसपर कोई फैसला आएगा। इस मौके पर जिला संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, चंद्रभानु सिंह, प्रभात मिश्रा, प्रशात गौतम, नीरज कुमार मौजूद थे।
घर बैठे जमा करें निर्धारित राशि
विश्वविद्यालय के पोर्टल को एसबीआइ से जोड़ दिया गया है। इससे विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। यह सुविधा ऑफलाइन भी बहाल रहेगी। ऑनलाइन के जरिए छात्र घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से तमाम तरह के सर्टिफिकेट्स की निर्धारित राशि जमा कर सकेंगे। इसको लेकर विवि प्रशासन व एसबीआइ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई। मौके पर एसबीआइ के डीजीएम नवल किशोर मिश्रा, रीजनल मैनेजर कुंदन ज्योति, मनौव्वर रजा के अलावा कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव, रजिस्ट्रार अजय कुमार राय, एफओ आरडी सिंह, रविभूषण प्रसाद सिंह के अलावा वित्त विभाग व परीक्षा विभाग के तमाम कर्मचारी मौजूद थे। टेबल-दर-टेबल नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
इससे पहले उन प्रमाणपत्रों के लिए विद्यार्थियों को टेबल-दर-टेबल दौड़ना पड़ता था। विवि में कतार में घटों खड़ा होने के बाद चालान जमा करते या बैंक में लाइन में लगना पड़ता। नई सुविधा से छात्रों का आर्थिक शोषण भी नहीं हो सकेगा। यह पूरी कवायद विवि के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया के तहत चल रही है।
फीस बढ़ोतरी का किया विरोध
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में की गई फीस बढ़ोतरी का विरोध किया है। प्रति कुलपति डॉ. आरके मंडल से मुलाकात कर अभाविप ने कहा कि फीस बढ़ाने से पहले विद्यार्थियों को सुविधा भी दी जाए। परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक केसरी नंदन शर्मा ने कहा कि बढ़ोत्तरी का फैसला वापस नहीं लिया गया तो आदोलन होगा। प्रति कुलपति ने बताया कि फिलहाल पुरानी फीस ही विद्यार्थियों से ली जाएगी। फाइनेंस कमेटी के बैठक के बाद इसपर कोई फैसला आएगा। इस मौके पर जिला संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, चंद्रभानु सिंह, प्रभात मिश्रा, प्रशात गौतम, नीरज कुमार मौजूद थे।
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