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आरोप-प्रत्यारोप से नहीं होगा विद्यार्थियों का बेड़ापार

मुजफ्फरपुर। बीआरएबीयू में परीक्षा व रिजल्ट में विलंब के लिए छात्र-छात्राओं ने पूरे महकमे को कठघरे मे

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 10:57 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 10:57 AM (IST)
आरोप-प्रत्यारोप से नहीं होगा विद्यार्थियों का बेड़ापार
आरोप-प्रत्यारोप से नहीं होगा विद्यार्थियों का बेड़ापार

मुजफ्फरपुर। बीआरएबीयू में परीक्षा व रिजल्ट में विलंब के लिए छात्र-छात्राओं ने पूरे महकमे को कठघरे में खड़ा किया है। कोई परीक्षा नियंत्रक को कसूरवार ठहरा रहा तो कोई कुलपति के सिर पर ठीकरा फोड़ता है। छात्र रंजन कुमार का कहना है कि परीक्षाएं नहीं होने के लिए सिर्फ और सिर्फ परीक्षा नियंत्रक ही जिम्मेवार नहीं हैं। कुलपति को चाहिए कि उन्हें मदद करें और प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी को पैसे भुगतान कर परीक्षा सुनिश्चित कराएं। विष्णु झा का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक में कोई दोष नहीं है तो उन्हें प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिए। उन्हें वस्तुस्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यहीं बात विवेक विभूति ने भी दोहराई। शिवेंद्र कुमार ने कहा -परीक्षा नियंत्रक सही होते तो अपने पावर का इस्तेमाल छात्रहित में जरूर करते। आरोपों-प्रत्यारोपों से विद्यार्थियों का बेड़ापार नहीं होने वाला है। विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बचाने के लिए अधिकारियों को राजनीति से ऊपर उठकर छात्रहित में कदम उठाना चाहिए।

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उनकी गलती का खामिया हम क्यों भुगते : बैगना की अनुष्का कुमारी व एमडीडीएम की छात्रा शुभम प्रिया व इफ्त रौशीन स्नातक पार्ट टू की परीक्षा नहीं होने को लेकर हर दिन विश्वविद्यालय प्रशासन की राह ताक रही हैं। इनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की गलती का खामियाजा हम सब क्यों भुगत रहे हैं? अधिकारियों को इसका जवाब देना चाहिए। छात्रा पूजा सिंह कहती हैं कि विश्वविद्यालय में परीक्षा और रिजल्ट की स्थिति जगजाहिर है। उन्होंने अपनी आंटी के रिजल्ट का जिक्र किया। कहा कि उनको मा‌र्क्सशीट मिली, लेकिन स्पेलिंग में गलती थी। कॉपी निकलवाने पर पता चला कि वह तो चेक हुई ही नहीं। पिछले साल की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच कराई जाए तो हमें विश्वास है कि इस तरह की तमाम गलतियां सामने आएंगी।

परीक्षा नियंत्रक इसलिए पसंद नहीं

परीक्षा नियंत्रक के समर्थन में खड़े छात्र उनको हटाने के लिए कारण भी गिना रहे हैं। उनके मुताबिक डॉ. ओपी रमण ने फेल को पास करने को कई टेबुलेटर को शोकॉज नोटिस देते हुए उनके खिलाफ करवाई के लिए फाइल आगे बढ़ा चुके हैं। परीक्षा विभाग में मची लूट का खुलेआम विरोध करते हैं। इस विभाग में जो भी काफिडेंशियल फाइलें होती हैं, उसको सिर्फ वीसी ही देखते हैं। कंट्रोलर को देखने नहीं दिया जाता। यही कारण है कि कंट्रोलर कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे।


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